🚩🪴वेद परिचय🪴🚩1.वेद प्राचीन भारत में रचित विशाल ग्रन्थ हैं। इनकी भाषा संस्कृत है जिसे 'वैदिक संस्कृत' कहा जाता है। ये संस्कृत साहित्य ही नहीं वरन् विश्व साहित्य के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं। वेद हिन्दुओं के धर्मग्रन्थ भी हैं। वेदों को 'अपौरुषेय' (जिसे कोई व्यक्ति न कर सकता हो) माना जाता है तथा ब्रह्मा को इनका रचयिता माना जाता है। इन्हें 'श्रुति' भी कहते हैं जिसका अर्थ है 'सुना हुआ' ।'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के "विद्" धातु से बना है। 'वेद' का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। ये वेद चार हैं, परंतु इन चारों को मिलाकर एक ही 'वेद ग्रंथ' समझा जाता था।एक एव पुरा वेद: प्रणव: सर्ववाङ्मय - महाभारतबाद में वेद को पढ़ना बहुत कठिन प्रतीत होने लगा, इसलिए उसी एक वेद के तीन या चार विभाग किए गए। तब उनको 'वेदत्रयी' अथवा 'चतुर्वेद' कहने लगे।By वनिता कासनियां पंजाब द्वारावर्तमान में विज्ञान शब्द वैसा ही चमत्कारिक है जैसा कि प्राचीनकाल में वेद शब्द था। उस समय चारों वेद विशुद्ध ज्ञान-विज्ञान एवं विद्या के द्योतक थे।
🚩🪴वेद परिचय🪴🚩 1.वेद प्राचीन भारत में रचित विशाल ग्रन्थ हैं। इनकी भाषा संस्कृत है जिसे 'वैदिक संस्कृत' कहा जाता है। ये संस्कृत साहित्य ही नहीं वरन् विश्व साहित्य के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं। वेद हिन्दुओं के धर्मग्रन्थ भी हैं। वेदों को 'अपौरुषेय' (जिसे कोई व्यक्ति न कर सकता हो) माना जाता है तथा ब्रह्मा को इनका रचयिता माना जाता है। इन्हें 'श्रुति' भी कहते हैं जिसका अर्थ है 'सुना हुआ' । 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के "विद्" धातु से बना है। 'वेद' का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। ये वेद चार हैं, परंतु इन चारों को मिलाकर एक ही 'वेद ग्रंथ' समझा जाता था। एक एव पुरा वेद: प्रणव: सर्ववाङ्मय - महाभारत बाद में वेद को पढ़ना बहुत कठिन प्रतीत होने लगा, इसलिए उसी एक वेद के तीन या चार विभाग किए गए। तब उनको 'वेदत्रयी' अथवा 'चतुर्वेद' कहने लगे। By वनिता कासनियां पंजाब द्वारा वर्तमान में विज्ञान शब्द वैसा ही चमत्कारिक है जैसा कि प्राचीनकाल में वेद शब्द था। उस समय चारों वेद विशुद्ध ज्ञान-विज्ञान एवं विद्या के द्योतक थे...