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वृश्चिक लग्न* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबवृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति शूरवीर , अत्यंत विचार शील , क्रोधी , राजाओं से पूजित , गुणवान , शास्त्रज्ञ , शत्रु नाशक , तमोगुणी , दूसरों की बातें जानने वाला , कटु स्वभाव वाला तथा सेवा कर्म करने वाला होता है । वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वस्थ शरीर , हृष्ट पुष्ट एवं तेजस्वी होते हैं । मजला कद , गठीला शरीर , विशाल मस्तिष्क , दीप्त ललाट , छितरे काले बाल , उभरी हुई थोड़ी और चमकती हुई आंखें ऐसे व्यक्ति की विशेषता होती है ।इनका व्यक्तित्व सहज ही दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । चुंबकीय व्यक्तित्व के ऐसे जातक धनी व लोकप्रिय होते हैं । प्रेम के क्षेत्र में अग्रणी होते हैं तथा विपरीत योनि के प्रति सहज आकर्षण अनुभव करते हैं । अपनी भावनाओं पर सहज ही नियंत्रण नहीं कर पाते और जल्द ही दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं । यह स्वार्थ सिद्ध होने तक दुश्मनों को कंधे पर बिठाने में भी नहीं हिचकिचाते परंतु स्वार्थ पूर्ति के पश्चात उसे पैरों तले रौंदने में भी देर नहीं लगाते । ऐसे व्यक्ति साहसी एवं उग्र स्वभाव के होते हंं तथा जरा सी विपरीत बात होने पर यह भड़क उड़ते हैं । पुरुष तत्व प्रधान ऐसे जातक दूसरों को छेड़ने में आनंद का अनुभव करते हैं । वृश्चिक लग्न प्रधान जातक का स्वभाव भी बिच्छू के समान होता है जो स्वभाव से ही बदला लेने वाला होता है , और जैसे ही अवसर हाथ में आता है बदला लेने से नहीं चूकते हैं । वैर ये भूलता नहीं और हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहता है कि बैर का बदला ले सकें । ऐसे व्यक्तियों का चुंबकीय व्यक्तित्व होता है । जिससे दूसरे सहज ही आकर्षित होते हैं । मित्रता स्थापित करने में यह सिद्धहस्त होते हैं । पहली नजर में ही यह भाप लेते हैं किस व्यक्ति से कैसे काम निकाला जाए । इनकी जान पहचान विस्तृत होती है तथा विरोधियों तक से काम निकलने में चतुर होते हैं । इनके शत्रु कम से कम होते हैं । मित्रों की संख्या ज्यादा होते हैं । जहां यह मित्र से लाभ उठाते हैं वही समय पड़ने पर उसे भरपूर मदद भी करते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल कहे जा सकते हैं । राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे जातक पूर्ण सफल होते हैं । समय पड़ने पर अच्छा से अच्छा झूठ बोल देना और काम पड़ जाए तो उस झूठ को भी सच सिद्ध कर दिखाना इनके बाएं हाथ का खेल होता है । इनकी आंखों में शरारत नाचती रहती है । जहाँ पूरी मित्रता निभाते हैं वही शत्रु बन जाने पर भयंकर भी सिद्ध हो सकते हैं । ऐसे व्यक्ति पूरे अवसरवादी कहे जा सकते हैं । जरूरत पड़ने पर सामने वाले के पैर भी छू लेते हैं परंतु कारण निकलने के बाद ठोकर मारते भी देर नहीं लगता । बहुत सोच समझकर ही यह किसी दूसरे को अपने जीवन में स्थान देते हैं पर जिसे स्थान देते हैं उसके साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं और उसे ऊँचा उठाने का भरसक प्रयत्न करते हैं । सुंदर स्त्रियां इन की कमजोरी कहीं जा सकती है । स्त्रियों के फेर में पड़कर यह गुप्त से गुप्त राज भी बता देने में नहीं हिचकते हैं । ऐसे व्यक्ति अधिक भोगी होते हैं परंतु सभ्यता का आवरण इन पर इतना अधिक छाया रहता है कि वह स्पष्ट प्रकट नहीं हो पाता है । प्रेम के क्षेत्र में असफल रहते हैं और जीवन में एक दो बार बदनाम भी होते हैं । जिससे उनकी प्रतिष्ठा में अंतर आता है । गृहस्थ जीवन का सफल नहीं कहा जा सकता । पति-पत्नी में बहुत कम बनती है और पत्नी से राज छिपाने में माहिर होते हैं । संतान सुख भी इनका सामान्य जा सकता है । शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल दार्शनिक , प्रोफेसर , रीडर एवं धार्मिक व्यक्ति हो सकते हैं तथा इस क्षेत्र में शीघ्र ही उन्नति करते दिखाई देते हैं । कान के कच्चे होते हैं और शीघ्र हीं दूसरों के कथन पर विश्वास कर लेते हैं जिसके फलस्वरूप इन्हें जीवन में हानि भी उठानी पड़ती है । स्वभाव से यह गर्म होते हैं एवं फुसफुसाहट में बात करना , गोपनीयता का प्रदर्शन करना इनका स्वभाव बन जाता है । यह जो भी कार्य प्रारंभ करते हैं उसे उलझा लेते हैं तथा स्वयं उस में उलझ जाते हैं और फिर उसे छोड़कर दूर जा बैठते हैं । ऐसे व्यक्ति यदि सैनिक बने तो युद्ध में पीठ नहीं दिखाते हैं । दुखी व्यक्ति की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं । कोई किसी को सता रहा हो तो वह उसे दंडित करने से भी नहीं चूकते । तन कर चलना एवं खड़ा होना उनके आत्मविश्वास का सूचक होता है । जीवन में यौवन काल श्रेष्ठ होता है परंतु जीवन के 45 वर्षों के बाद इनकी प्रवृत्ति अध्यात्म की तरफ झुक जाती है । नई सूझ बूझ के धनी कहे जा सकते हैं ।💢 वृश्चिक लग्न में ग्रहों का महत्व 💢👉 सूर्य आपकी कुंडली में पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं । सूर्य आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 👉 चंद्रमा आपकी कुंडली में भाग्य एवं उच्च शिक्षा के स्वामी होते हैं । चंद्रमा आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 👉 मंगल आपकी कुंडली में स्वास्थ्य , जीवन में उन्नति , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं । मंगल आपकी कुंडलीके लिए कारक होते हैं । 👉 बुध आपकी कुंडली में आमदनी , लाभ , बड़े भाई – बहन एवं आयु के स्वामी होते हैं । बुध आपकी कुंडली के लिए अकारक होते हैं , परन्तु बलवान होने पर भी अच्छा फल देते हैं तथा आमदनी अच्छी होती है । 👉 गुरु आपकी कुंडली में धन , कुटुंब , विद्या , बुद्धि एवं संतान के स्वामी होते हैं । गुरु आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 👉 शुक्र आपकी कुंडली में पत्नी , व्यवसाय , बाहरी स्थान एवं खर्च के स्वामी होते हैं । शुक्र आपकी कुंडली के लिए अकारक ग्रह होते हैं । 👉 शनि आपकी कुंडली में पराक्रम , छोटे भाई- बहन , माता , जमीन , जायदाद एवं घरेलू सुख के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में अकारक होते हैं । 💥 ( मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला लग्न के बारे में मेरा पहले का पोस्ट देखें । इसके बाद के लग्नों के लिए इंतजार करें । )🌹 व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है । इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

*वृश्चिक लग्न* 
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति शूरवीर , अत्यंत विचार शील , क्रोधी , राजाओं से पूजित , गुणवान , शास्त्रज्ञ , शत्रु नाशक , तमोगुणी , दूसरों की बातें जानने वाला , कटु स्वभाव वाला तथा सेवा कर्म करने वाला होता है । वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वस्थ शरीर , हृष्ट पुष्ट एवं तेजस्वी होते हैं । मजला कद , गठीला शरीर , विशाल मस्तिष्क , दीप्त ललाट , छितरे काले बाल , उभरी हुई थोड़ी और चमकती हुई आंखें ऐसे व्यक्ति की विशेषता होती है ।
इनका व्यक्तित्व सहज ही दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । चुंबकीय व्यक्तित्व के ऐसे जातक धनी व लोकप्रिय होते हैं । प्रेम के क्षेत्र में अग्रणी होते हैं तथा विपरीत योनि के प्रति सहज आकर्षण अनुभव करते हैं । अपनी भावनाओं पर सहज ही नियंत्रण नहीं कर पाते और जल्द ही दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं । यह स्वार्थ सिद्ध होने तक दुश्मनों को कंधे पर बिठाने में भी नहीं हिचकिचाते परंतु स्वार्थ पूर्ति के पश्चात उसे पैरों तले रौंदने में भी देर नहीं लगाते । ऐसे व्यक्ति साहसी एवं उग्र स्वभाव के होते हंं तथा जरा सी विपरीत बात होने पर यह भड़क उड़ते हैं । पुरुष तत्व प्रधान ऐसे जातक दूसरों को छेड़ने में आनंद का अनुभव करते हैं । वृश्चिक लग्न प्रधान जातक का स्वभाव भी बिच्छू के समान होता है जो स्वभाव से ही बदला लेने वाला होता है , और जैसे ही अवसर हाथ में आता है बदला लेने से नहीं चूकते हैं । वैर ये भूलता नहीं और हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहता है कि बैर का बदला ले सकें । ऐसे व्यक्तियों का चुंबकीय व्यक्तित्व होता है । जिससे दूसरे सहज ही आकर्षित होते हैं । मित्रता स्थापित करने में यह सिद्धहस्त होते हैं । पहली नजर में ही यह भाप लेते हैं किस व्यक्ति से कैसे काम निकाला जाए । इनकी जान पहचान विस्तृत होती है तथा विरोधियों तक से काम निकलने में चतुर होते हैं । इनके शत्रु कम से कम होते हैं । मित्रों की संख्या ज्यादा होते हैं । जहां यह मित्र से लाभ उठाते हैं वही समय पड़ने पर उसे भरपूर मदद भी करते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल कहे जा सकते हैं । राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे जातक पूर्ण सफल होते हैं । समय पड़ने पर अच्छा से अच्छा झूठ बोल देना और काम पड़ जाए तो उस झूठ को भी सच सिद्ध कर दिखाना इनके बाएं हाथ का खेल होता है । इनकी आंखों में शरारत नाचती रहती है । जहाँ पूरी मित्रता निभाते हैं वही शत्रु बन जाने पर भयंकर भी सिद्ध हो सकते हैं । ऐसे व्यक्ति पूरे अवसरवादी कहे जा सकते हैं । जरूरत पड़ने पर सामने वाले के पैर भी छू लेते हैं परंतु कारण निकलने के बाद ठोकर मारते भी देर नहीं लगता । बहुत सोच समझकर ही यह किसी दूसरे को अपने जीवन में स्थान देते हैं पर जिसे स्थान देते हैं उसके साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं और उसे ऊँचा उठाने का भरसक प्रयत्न करते हैं । सुंदर स्त्रियां इन की कमजोरी कहीं जा सकती है । स्त्रियों के फेर में पड़कर यह गुप्त से गुप्त राज भी बता देने में नहीं हिचकते हैं । ऐसे व्यक्ति अधिक भोगी होते हैं परंतु सभ्यता का आवरण इन पर इतना अधिक छाया रहता है कि वह स्पष्ट प्रकट नहीं हो पाता है । प्रेम के क्षेत्र में असफल रहते हैं और जीवन में एक दो बार बदनाम भी होते हैं । जिससे उनकी प्रतिष्ठा में अंतर आता है । गृहस्थ जीवन का सफल नहीं कहा जा सकता । पति-पत्नी में बहुत कम बनती है और पत्नी से राज छिपाने में माहिर होते हैं । संतान सुख भी इनका सामान्य जा सकता है । शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल दार्शनिक , प्रोफेसर , रीडर एवं धार्मिक व्यक्ति हो सकते हैं तथा इस क्षेत्र में शीघ्र ही उन्नति करते दिखाई देते हैं । कान के कच्चे होते हैं और शीघ्र हीं दूसरों के कथन पर विश्वास कर लेते हैं जिसके फलस्वरूप इन्हें जीवन में हानि भी उठानी पड़ती है । स्वभाव से यह गर्म होते हैं एवं फुसफुसाहट में बात करना , गोपनीयता का प्रदर्शन करना इनका स्वभाव बन जाता है । यह जो भी कार्य प्रारंभ करते हैं उसे उलझा लेते हैं तथा स्वयं उस में उलझ जाते हैं और फिर उसे छोड़कर दूर जा बैठते हैं । ऐसे व्यक्ति यदि सैनिक बने तो युद्ध में पीठ नहीं दिखाते हैं । दुखी व्यक्ति की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं । कोई किसी को सता रहा हो तो वह उसे दंडित करने से भी नहीं चूकते । तन कर चलना एवं खड़ा होना उनके आत्मविश्वास का सूचक होता है । जीवन में यौवन काल श्रेष्ठ होता है परंतु जीवन के 45 वर्षों के बाद इनकी प्रवृत्ति अध्यात्म की तरफ झुक जाती है । नई सूझ बूझ के धनी कहे जा सकते हैं ।

💢 वृश्चिक लग्न में ग्रहों का महत्व 💢

👉 सूर्य आपकी कुंडली में पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं । सूर्य आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 

👉 चंद्रमा आपकी कुंडली में भाग्य एवं उच्च शिक्षा के स्वामी होते हैं । चंद्रमा आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 

👉 मंगल आपकी कुंडली में स्वास्थ्य , जीवन में उन्नति , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं । मंगल आपकी कुंडलीके लिए कारक होते हैं । 

👉 बुध आपकी कुंडली में आमदनी , लाभ , बड़े भाई – बहन एवं आयु के स्वामी होते हैं । बुध आपकी कुंडली के लिए अकारक होते हैं , परन्तु बलवान होने पर भी अच्छा फल देते हैं तथा आमदनी अच्छी होती है । 

👉 गुरु आपकी कुंडली में धन , कुटुंब , विद्या , बुद्धि एवं संतान के स्वामी होते हैं । गुरु आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 

👉 शुक्र आपकी कुंडली में पत्नी , व्यवसाय , बाहरी स्थान एवं खर्च के स्वामी होते हैं । शुक्र आपकी कुंडली के लिए अकारक ग्रह होते हैं । 

👉 शनि आपकी कुंडली में पराक्रम , छोटे भाई- बहन , माता , जमीन , जायदाद एवं घरेलू सुख के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में अकारक होते हैं । 

💥 ( मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला लग्न के बारे में मेरा पहले का पोस्ट देखें । इसके बाद के लग्नों के लिए इंतजार करें । )

🌹 व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है । इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है ।

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*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-*By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है।यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है।यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं।यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है।नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र लग सकती है। अतः कुंडली में राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए। इसके अलावा सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता है। इसलिए सूर्य के उपाय भी ज़रुरी है। इसमें आपके लिए शनि ग्रह के उपाय भी ज़रुरी है। जैसे -👉 बुधवार के दिन सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) का दान करें।👉 बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ धारण करें।👉 राहु यंत्र की स्थापना कर उसी पूजा करें।👉 नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।बुरी नज़र उतारने के उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️निम्न टोटकों को अपनाकर भी आप अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी ला सकते हैंः👉 पंचमुखी का हनुमान जी का लॉकेट धारण करें।👉 हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का नित्य जापा करें।👉 हनुमान जी के मंदिर जाकर उसके कंधों का सिंदूर माथे पर लगाएँ।👉 यदि कोई व्यक्ति बुरी नज़र से प्रभावित है तो उसे भैरो बाबा के मंदिर से मिलने वाला काला धागा धारण करना चाहिए। इससे उप पर लगी बुरी नज़र उतर जाएगी।👉 यदि बार-बार धन हानि हो रही है तो लाल कपड़े में दो कौड़ियां बांधकर तिजोरी में रख दे।👉 एक रोटी बनाएं और उसे केवल एक तरफ़ से ही सेंकें। अब सिके हुए भाग पर तेल लगाकर उसमें लाल मिर्च एवं नमक दो डेली रखें। अब नज़र दोष से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर सात बार इसे फिराकर चुपचाप से इसे किसी चौराह पर रखें।बच्चों की नजर उतारने के उपाय〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️👉 बच्चों की बुरी नजर उतारने के उपाय हेतूु बचपन में हमारी दादी, नानी या माँ के द्वारा सूखी लाल मिर्च, फिटकरी, मुठ्ठी भर नमक या फिर नीम की टहनी आदि के टोटके से हमारी नज़र उतारी गई होगी। नज़र उतारने के दादी मां के घरेलू नुस्खे होते हैं। इसके अलावा जानते हैं अन्य टोटके।👉 पीली कौड़ी में छेद करके उसे बच्चे को पहनाना चाहिए।👉 बच्चों को मोती चांद का लॉकेट पहनाएं या काले-सफेद मोती जड़ित नज़रबंद का ब्रेसलेट पहनाएं।👉 यदि बच्चा दूध पीने में आनाकानी कर रहा है तो उसके ऊपर से दूध को उसारकर कुत्ते को पिला दें।👉यदि आप किसी को शक़ है कि बच्चे को उसी की नज़र लगी है तो उसका हाथ बच्चे के ऊपर फिरवाएं।दो लाल सूखी मिर्च, थोड़ा सेंधा नमक, थोड़े सरसो के बीज लें। इसके बाद बच्चे के उपर से नीचे, आगे और पीछे तीन बार घुमाए अब एक गर्म पर यह सब डाल दें। धुआं उठने के बाद कुछ ही देर में बुरी नजर उतर जाएगी।बाल वनिता महिला आश्रम〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️नोट; अधिक जानकारी अथवा कुंडली विश्लेषण के लिए मैसेंजर पर संपर्क करें।धन्यवाद#बाल_वनिता_महिला_आश्रम.

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