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वृश्चिक लग्न* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबवृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति शूरवीर , अत्यंत विचार शील , क्रोधी , राजाओं से पूजित , गुणवान , शास्त्रज्ञ , शत्रु नाशक , तमोगुणी , दूसरों की बातें जानने वाला , कटु स्वभाव वाला तथा सेवा कर्म करने वाला होता है । वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वस्थ शरीर , हृष्ट पुष्ट एवं तेजस्वी होते हैं । मजला कद , गठीला शरीर , विशाल मस्तिष्क , दीप्त ललाट , छितरे काले बाल , उभरी हुई थोड़ी और चमकती हुई आंखें ऐसे व्यक्ति की विशेषता होती है ।इनका व्यक्तित्व सहज ही दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । चुंबकीय व्यक्तित्व के ऐसे जातक धनी व लोकप्रिय होते हैं । प्रेम के क्षेत्र में अग्रणी होते हैं तथा विपरीत योनि के प्रति सहज आकर्षण अनुभव करते हैं । अपनी भावनाओं पर सहज ही नियंत्रण नहीं कर पाते और जल्द ही दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं । यह स्वार्थ सिद्ध होने तक दुश्मनों को कंधे पर बिठाने में भी नहीं हिचकिचाते परंतु स्वार्थ पूर्ति के पश्चात उसे पैरों तले रौंदने में भी देर नहीं लगाते । ऐसे व्यक्ति साहसी एवं उग्र स्वभाव के होते हंं तथा जरा सी विपरीत बात होने पर यह भड़क उड़ते हैं । पुरुष तत्व प्रधान ऐसे जातक दूसरों को छेड़ने में आनंद का अनुभव करते हैं । वृश्चिक लग्न प्रधान जातक का स्वभाव भी बिच्छू के समान होता है जो स्वभाव से ही बदला लेने वाला होता है , और जैसे ही अवसर हाथ में आता है बदला लेने से नहीं चूकते हैं । वैर ये भूलता नहीं और हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहता है कि बैर का बदला ले सकें । ऐसे व्यक्तियों का चुंबकीय व्यक्तित्व होता है । जिससे दूसरे सहज ही आकर्षित होते हैं । मित्रता स्थापित करने में यह सिद्धहस्त होते हैं । पहली नजर में ही यह भाप लेते हैं किस व्यक्ति से कैसे काम निकाला जाए । इनकी जान पहचान विस्तृत होती है तथा विरोधियों तक से काम निकलने में चतुर होते हैं । इनके शत्रु कम से कम होते हैं । मित्रों की संख्या ज्यादा होते हैं । जहां यह मित्र से लाभ उठाते हैं वही समय पड़ने पर उसे भरपूर मदद भी करते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल कहे जा सकते हैं । राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे जातक पूर्ण सफल होते हैं । समय पड़ने पर अच्छा से अच्छा झूठ बोल देना और काम पड़ जाए तो उस झूठ को भी सच सिद्ध कर दिखाना इनके बाएं हाथ का खेल होता है । इनकी आंखों में शरारत नाचती रहती है । जहाँ पूरी मित्रता निभाते हैं वही शत्रु बन जाने पर भयंकर भी सिद्ध हो सकते हैं । ऐसे व्यक्ति पूरे अवसरवादी कहे जा सकते हैं । जरूरत पड़ने पर सामने वाले के पैर भी छू लेते हैं परंतु कारण निकलने के बाद ठोकर मारते भी देर नहीं लगता । बहुत सोच समझकर ही यह किसी दूसरे को अपने जीवन में स्थान देते हैं पर जिसे स्थान देते हैं उसके साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं और उसे ऊँचा उठाने का भरसक प्रयत्न करते हैं । सुंदर स्त्रियां इन की कमजोरी कहीं जा सकती है । स्त्रियों के फेर में पड़कर यह गुप्त से गुप्त राज भी बता देने में नहीं हिचकते हैं । ऐसे व्यक्ति अधिक भोगी होते हैं परंतु सभ्यता का आवरण इन पर इतना अधिक छाया रहता है कि वह स्पष्ट प्रकट नहीं हो पाता है । प्रेम के क्षेत्र में असफल रहते हैं और जीवन में एक दो बार बदनाम भी होते हैं । जिससे उनकी प्रतिष्ठा में अंतर आता है । गृहस्थ जीवन का सफल नहीं कहा जा सकता । पति-पत्नी में बहुत कम बनती है और पत्नी से राज छिपाने में माहिर होते हैं । संतान सुख भी इनका सामान्य जा सकता है । शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल दार्शनिक , प्रोफेसर , रीडर एवं धार्मिक व्यक्ति हो सकते हैं तथा इस क्षेत्र में शीघ्र ही उन्नति करते दिखाई देते हैं । कान के कच्चे होते हैं और शीघ्र हीं दूसरों के कथन पर विश्वास कर लेते हैं जिसके फलस्वरूप इन्हें जीवन में हानि भी उठानी पड़ती है । स्वभाव से यह गर्म होते हैं एवं फुसफुसाहट में बात करना , गोपनीयता का प्रदर्शन करना इनका स्वभाव बन जाता है । यह जो भी कार्य प्रारंभ करते हैं उसे उलझा लेते हैं तथा स्वयं उस में उलझ जाते हैं और फिर उसे छोड़कर दूर जा बैठते हैं । ऐसे व्यक्ति यदि सैनिक बने तो युद्ध में पीठ नहीं दिखाते हैं । दुखी व्यक्ति की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं । कोई किसी को सता रहा हो तो वह उसे दंडित करने से भी नहीं चूकते । तन कर चलना एवं खड़ा होना उनके आत्मविश्वास का सूचक होता है । जीवन में यौवन काल श्रेष्ठ होता है परंतु जीवन के 45 वर्षों के बाद इनकी प्रवृत्ति अध्यात्म की तरफ झुक जाती है । नई सूझ बूझ के धनी कहे जा सकते हैं ।💢 वृश्चिक लग्न में ग्रहों का महत्व 💢👉 सूर्य आपकी कुंडली में पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं । सूर्य आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 👉 चंद्रमा आपकी कुंडली में भाग्य एवं उच्च शिक्षा के स्वामी होते हैं । चंद्रमा आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 👉 मंगल आपकी कुंडली में स्वास्थ्य , जीवन में उन्नति , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं । मंगल आपकी कुंडलीके लिए कारक होते हैं । 👉 बुध आपकी कुंडली में आमदनी , लाभ , बड़े भाई – बहन एवं आयु के स्वामी होते हैं । बुध आपकी कुंडली के लिए अकारक होते हैं , परन्तु बलवान होने पर भी अच्छा फल देते हैं तथा आमदनी अच्छी होती है । 👉 गुरु आपकी कुंडली में धन , कुटुंब , विद्या , बुद्धि एवं संतान के स्वामी होते हैं । गुरु आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 👉 शुक्र आपकी कुंडली में पत्नी , व्यवसाय , बाहरी स्थान एवं खर्च के स्वामी होते हैं । शुक्र आपकी कुंडली के लिए अकारक ग्रह होते हैं । 👉 शनि आपकी कुंडली में पराक्रम , छोटे भाई- बहन , माता , जमीन , जायदाद एवं घरेलू सुख के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में अकारक होते हैं । 💥 ( मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला लग्न के बारे में मेरा पहले का पोस्ट देखें । इसके बाद के लग्नों के लिए इंतजार करें । )🌹 व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है । इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

*वृश्चिक लग्न* 
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति शूरवीर , अत्यंत विचार शील , क्रोधी , राजाओं से पूजित , गुणवान , शास्त्रज्ञ , शत्रु नाशक , तमोगुणी , दूसरों की बातें जानने वाला , कटु स्वभाव वाला तथा सेवा कर्म करने वाला होता है । वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वस्थ शरीर , हृष्ट पुष्ट एवं तेजस्वी होते हैं । मजला कद , गठीला शरीर , विशाल मस्तिष्क , दीप्त ललाट , छितरे काले बाल , उभरी हुई थोड़ी और चमकती हुई आंखें ऐसे व्यक्ति की विशेषता होती है ।
इनका व्यक्तित्व सहज ही दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । चुंबकीय व्यक्तित्व के ऐसे जातक धनी व लोकप्रिय होते हैं । प्रेम के क्षेत्र में अग्रणी होते हैं तथा विपरीत योनि के प्रति सहज आकर्षण अनुभव करते हैं । अपनी भावनाओं पर सहज ही नियंत्रण नहीं कर पाते और जल्द ही दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं । यह स्वार्थ सिद्ध होने तक दुश्मनों को कंधे पर बिठाने में भी नहीं हिचकिचाते परंतु स्वार्थ पूर्ति के पश्चात उसे पैरों तले रौंदने में भी देर नहीं लगाते । ऐसे व्यक्ति साहसी एवं उग्र स्वभाव के होते हंं तथा जरा सी विपरीत बात होने पर यह भड़क उड़ते हैं । पुरुष तत्व प्रधान ऐसे जातक दूसरों को छेड़ने में आनंद का अनुभव करते हैं । वृश्चिक लग्न प्रधान जातक का स्वभाव भी बिच्छू के समान होता है जो स्वभाव से ही बदला लेने वाला होता है , और जैसे ही अवसर हाथ में आता है बदला लेने से नहीं चूकते हैं । वैर ये भूलता नहीं और हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहता है कि बैर का बदला ले सकें । ऐसे व्यक्तियों का चुंबकीय व्यक्तित्व होता है । जिससे दूसरे सहज ही आकर्षित होते हैं । मित्रता स्थापित करने में यह सिद्धहस्त होते हैं । पहली नजर में ही यह भाप लेते हैं किस व्यक्ति से कैसे काम निकाला जाए । इनकी जान पहचान विस्तृत होती है तथा विरोधियों तक से काम निकलने में चतुर होते हैं । इनके शत्रु कम से कम होते हैं । मित्रों की संख्या ज्यादा होते हैं । जहां यह मित्र से लाभ उठाते हैं वही समय पड़ने पर उसे भरपूर मदद भी करते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल कहे जा सकते हैं । राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे जातक पूर्ण सफल होते हैं । समय पड़ने पर अच्छा से अच्छा झूठ बोल देना और काम पड़ जाए तो उस झूठ को भी सच सिद्ध कर दिखाना इनके बाएं हाथ का खेल होता है । इनकी आंखों में शरारत नाचती रहती है । जहाँ पूरी मित्रता निभाते हैं वही शत्रु बन जाने पर भयंकर भी सिद्ध हो सकते हैं । ऐसे व्यक्ति पूरे अवसरवादी कहे जा सकते हैं । जरूरत पड़ने पर सामने वाले के पैर भी छू लेते हैं परंतु कारण निकलने के बाद ठोकर मारते भी देर नहीं लगता । बहुत सोच समझकर ही यह किसी दूसरे को अपने जीवन में स्थान देते हैं पर जिसे स्थान देते हैं उसके साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं और उसे ऊँचा उठाने का भरसक प्रयत्न करते हैं । सुंदर स्त्रियां इन की कमजोरी कहीं जा सकती है । स्त्रियों के फेर में पड़कर यह गुप्त से गुप्त राज भी बता देने में नहीं हिचकते हैं । ऐसे व्यक्ति अधिक भोगी होते हैं परंतु सभ्यता का आवरण इन पर इतना अधिक छाया रहता है कि वह स्पष्ट प्रकट नहीं हो पाता है । प्रेम के क्षेत्र में असफल रहते हैं और जीवन में एक दो बार बदनाम भी होते हैं । जिससे उनकी प्रतिष्ठा में अंतर आता है । गृहस्थ जीवन का सफल नहीं कहा जा सकता । पति-पत्नी में बहुत कम बनती है और पत्नी से राज छिपाने में माहिर होते हैं । संतान सुख भी इनका सामान्य जा सकता है । शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल दार्शनिक , प्रोफेसर , रीडर एवं धार्मिक व्यक्ति हो सकते हैं तथा इस क्षेत्र में शीघ्र ही उन्नति करते दिखाई देते हैं । कान के कच्चे होते हैं और शीघ्र हीं दूसरों के कथन पर विश्वास कर लेते हैं जिसके फलस्वरूप इन्हें जीवन में हानि भी उठानी पड़ती है । स्वभाव से यह गर्म होते हैं एवं फुसफुसाहट में बात करना , गोपनीयता का प्रदर्शन करना इनका स्वभाव बन जाता है । यह जो भी कार्य प्रारंभ करते हैं उसे उलझा लेते हैं तथा स्वयं उस में उलझ जाते हैं और फिर उसे छोड़कर दूर जा बैठते हैं । ऐसे व्यक्ति यदि सैनिक बने तो युद्ध में पीठ नहीं दिखाते हैं । दुखी व्यक्ति की सहायता को सदैव तत्पर रहते हैं । कोई किसी को सता रहा हो तो वह उसे दंडित करने से भी नहीं चूकते । तन कर चलना एवं खड़ा होना उनके आत्मविश्वास का सूचक होता है । जीवन में यौवन काल श्रेष्ठ होता है परंतु जीवन के 45 वर्षों के बाद इनकी प्रवृत्ति अध्यात्म की तरफ झुक जाती है । नई सूझ बूझ के धनी कहे जा सकते हैं ।

💢 वृश्चिक लग्न में ग्रहों का महत्व 💢

👉 सूर्य आपकी कुंडली में पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं । सूर्य आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 

👉 चंद्रमा आपकी कुंडली में भाग्य एवं उच्च शिक्षा के स्वामी होते हैं । चंद्रमा आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 

👉 मंगल आपकी कुंडली में स्वास्थ्य , जीवन में उन्नति , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं । मंगल आपकी कुंडलीके लिए कारक होते हैं । 

👉 बुध आपकी कुंडली में आमदनी , लाभ , बड़े भाई – बहन एवं आयु के स्वामी होते हैं । बुध आपकी कुंडली के लिए अकारक होते हैं , परन्तु बलवान होने पर भी अच्छा फल देते हैं तथा आमदनी अच्छी होती है । 

👉 गुरु आपकी कुंडली में धन , कुटुंब , विद्या , बुद्धि एवं संतान के स्वामी होते हैं । गुरु आपकी कुंडली के लिए कारक होते हैं । 

👉 शुक्र आपकी कुंडली में पत्नी , व्यवसाय , बाहरी स्थान एवं खर्च के स्वामी होते हैं । शुक्र आपकी कुंडली के लिए अकारक ग्रह होते हैं । 

👉 शनि आपकी कुंडली में पराक्रम , छोटे भाई- बहन , माता , जमीन , जायदाद एवं घरेलू सुख के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में अकारक होते हैं । 

💥 ( मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला लग्न के बारे में मेरा पहले का पोस्ट देखें । इसके बाद के लग्नों के लिए इंतजार करें । )

🌹 व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है । इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है ।

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कौन बनता है भूत प्रेत?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब〰〰🌼〰〰🌼〰〰जिसका कोई वर्तमान न हो, केवल अतीत ही हो वही भूत कहलाता है। अतीत में अटका आत्मा भूत बन जाता है। जीवन न अतीत है और न भविष्य वह सदा वर्तमान है। जो वर्तमान में रहता है वह मुक्ति की ओर कदम बढ़ाता है।आत्मा के तीन स्वरुप माने गए हैं। जीवात्मा, प्रेतात्मा और सूक्ष्मात्मा। जो भौतिक शरीर में वास करती है उसे जीवात्मा कहते हैं। जब इस जीवात्मा का वासना और कामनामय शरीर में निवास होता है तब उसे प्रेतात्मा कहते हैं। यह आत्मा जब सूक्ष्मतम शरीर में प्रवेश करता है, उस उसे सूक्ष्मात्मा कहते हैं। भूत-प्रेतों की गति एवं शक्ति अपार होती है। इनकी विभिन्न जातियां होती हैं और उन्हें भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच, यम, शाकिनी, डाकिनी, चुड़ैल, गंधर्व आदि कहा जाता है।भूतों के प्रकार〰〰〰〰हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। उक्त सभी के उप भाग भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है। इसी तरह जब कोई स्त्री मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। माना गया है कि प्रसुता, स्त्री या नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है और जब कोई कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। जो स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन या डाकिनी करते हैं। इन सभी की उत्पति अपने पापों, व्याभिचार से, अकाल मृत्यु से या श्राद्ध न होने से होती है।84 लाख योनियां〰〰〰〰〰पशुयोनि, पक्षीयोनि, मनुष्य योनि में जीवन यापन करने वाली आत्माएं मरने के बाद अदृश्य भूत-प्रेत योनि में चले जाते हैं। आत्मा के प्रत्येक जन्म द्वारा प्राप्त जीव रूप को योनि कहते हैं। ऐसी 84 लाख योनियां है, जिसमें कीट-पतंगे, पशु-पक्षी, वृक्ष और मानव आदि सभी शामिल हैं। प्रेतयोनि में जाने वाले लोग अदृश्य और बलवान हो जाते हैं। लेकिन सभी मरने वाले इसी योनि में नहीं जाते और सभी मरने वाले अदृश्य तो होते हैं लेकिन बलवान नहीं होते। यह आत्मा के कर्म और गति पर निर्भर करता है। बहुत से भूत या प्रेत योनि में न जाकर पुन: गर्भधारण कर मानव बन जाते हैं। पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पितरों का तर्पण करते हैं। इससे सिद्ध होता है कि पितरों का अस्तित्व आत्मा अथवा भूत-प्रेत के रूप में होता है। गरुड़ पुराण में भूत-प्रेतों के विषय में विस्तृत वर्णन मिलता है। श्रीमद्‍भागवत पुराण में भी धुंधकारी के प्रेत बन जाने का वर्णन आता है।अतृप्त आत्माएं बनती है भूत〰〰〰〰〰〰〰〰〰जो व्यक्ति भूखा, प्यासा, संभोगसुख से विरक्त, राग, क्रोध, द्वेष, लोभ, वासना आदि इच्छाएं और भावनाएं लेकर मरा है अवश्य ही वह भूत बनकर भटकता है। और जो व्यक्ति दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या आदि से मरा है वह भी भू‍त बनकर भटकता है। ऐसे व्यक्तियों की आत्मा को तृप्त करने के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। जो लोग अपने स्वजनों और पितरों का श्राद्ध और तर्पण नहीं करते वे उन अतृप्त आत्माओं द्वारा परेशान होते हैं।यम नाम की वायु〰〰〰〰〰वेद अनुसार मृत्युकाल में 'यम' नामक वायु में कुछ काल तक आत्मा स्थिर रहने के बाद पुन: गर्भधारण करती है। जब आत्मा गर्भ में प्रवेश करती है तब वह गहरी सुषुप्ति अवस्था में होती है। जन्म से पूर्व भी वह इसी अवस्था में ही रहती है। जो आत्मा ज्यादा स्मृतिवान या ध्यानी है उसे ही अपने मरने का ज्ञान होता है और वही भूत बनती है।जन्म मरण का चक्र〰〰〰〰〰〰जिस तरह सुषुप्ति से 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तत्वों से बना होता है। कुछ भूत अपने इस शरीर की ताकत को समझ कर उसका इस्तेमाल करना जानते हैं तो कुछ नहीं। कुछ भूतों में स्पर्श करने की ताकत होती है तो कुछ में नहीं। जो भूत स्पर्श करने की ताकत रखता है वह बड़े से बड़े पेड़ों को भी उखाड़ कर फेंक सकता है। ऐसे भूत यदि बुरे हैं तो खतरनाक होते हैं। यह किसी भी देहधारी (व्यक्ति) को अपने होने का अहसास करा देते हैं। इस तरह के भूतों की मानसिक शक्ति इतनी बलशाली होती है कि यह किसी भी व्यक्ति का दिमाग पलट कर उससे अच्छा या बुरा कार्य करा सकते हैं। यह भी कि यह किसी भी व्यक्ति के शरीर का इस्तेमाल करना भी जानते हैं। ठोसपन न होने के कारण ही भूत को यदि गोली, तलवार, लाठी आदि मारी जाए तो उस पर उनका कोई प्रभाव नहीं होता। भूत में सुख-दुःख अनुभव करने की क्षमता अवश्य होती है। क्योंकि उनके वाह्यकरण में वायु तथा आकाश और अंतःकरण में मन, बुद्धि और चित्त संज्ञाशून्य होती है इसलिए वह केवल सुख-दुःख का ही अनुभव कर सकते हैं।अच्‍छी और बुरी आत्मा〰〰〰〰〰〰〰वासना के अच्छे और बुरे भाव के कारण मृतात्माओं को भी अच्छा और बुरा माना गया है। जहां अच्छी मृतात्माओं का वास होता है उसे पितृलोक तथा बुरी आत्मा का वास होता है उसे प्रेतलोक आदि कहते हैं। अच्छे और बुरे स्वभाव की आत्माएं ऐसे लोगों को तलाश करती है जो उनकी वासनाओं की पूर्ति कर सकता है। बुरी आत्माएं उन लोगों को तलाश करती हैं जो कुकर्मी, अधर्मी, वासनामय जीवन जीने वाले लोग हैं। फिर वह आत्माएं उन लोगों के गुण-कर्म, स्वभाव के अनुसार अपनी इच्छाओं की पूर्ति करती है। जिस मानसिकता, प्रवृत्ति, कुकर्म, सत्कर्मों आदि के लोग होते हैं उसी के अनुरूप आत्मा उनमें प्रवेश करती है। अधिकांशतः लोगों को इसका पता नहीं चल पाता। अच्छी आत्माएं अच्छे कर्म करने वालों के माध्यम से तृप्त होकर उसे भी तृप्त करती है और बुरी आत्माएं बुरे कर्म वालों के माध्यम से तृप्त होकर उसे बुराई के लिए और प्रेरित करती है। इसीलिए धर्म अनुसार अच्छे कर्म के अलावा धार्मिकता और ईश्वर भक्ति होना जरूरी है तभी आप दोनों ही प्रकार की आत्मा से बचे रहेंगे।कौन बनता है भूत का शिकार〰〰〰〰〰〰〰〰〰धर्म के नियम अनुसार जो लोग तिथि और पवित्रता को नहीं मानते हैं, जो ईश्वर, देवता और गुरु का अपमान करते हैं और जो पाप कर्म में ही सदा रत रहते हैं ऐसे लोग आसानी से भूतों के चंगुल में आ सकते हैं। इनमें से कुछ लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि हम पर शासन करने वाला कोई भूत है। जिन लोगों की मानसिक शक्ति बहुत कमजोर होती है उन पर ये भूत सीधे-सीधे शासन करते हैं। बाल वनिता महिला आश्रमजो लोग रात्रि के कर्म और अनुष्ठान करते हैं और जो निशाचारी हैं वह आसानी से भूतों के शिकार बन जाते हैं। हिन्दू धर्म अनुसार किसी भी प्रकार का धार्मिक और मांगलिक कार्य रात्रि में नहीं किया जाता। रात्रि के कर्म करने वाले भूत, पिशाच, राक्षस और प्रेतयोनि के होते हैं।〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰

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मनो वैज्ञानिक तथ्य क्या हैं जो लोग नहीं जानते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब नफरत करने वाले आपसे वास्तव में नफरत नहीं करते हैं, वास्तव में वे खुद से नफरत करते हैं क्योंकि आप जो चाहते हैं उसका प्रतिबिंब हैं।2. एक व्यक्ति दूसरे लोगों के बारे में आपसे कैसे बात करता है, इसे ध्यान से सुनना सुनिश्चित करें। इस तरह वे आपके बारे में दूसरे लोगों से बात करते हैं।3. हमें केवल दो करीबी दोस्त चाहिए जिन पर हम भरोसा कर सकें। बहुत सारे दोस्त अवसाद और तनाव से जुड़े हुए हैं।4. जो लोग ज्यादा मेलजोल नहीं करते वे असल में असामाजिक नहीं होते, उनमें ड्रामा और नकली लोगों को बर्दाश्त नहीं होता।5. अपनी समस्याओं को दूसरों को बताना बंद करें, 20% परवाह नहीं है और अन्य 80% खुश हैं कि आपके पास यह है।6. पढ़ाई के दौरान चॉकलेट खाने से मस्तिष्क को नई जानकारी बनाए रखने में मदद मिलती है और यह उच्च परीक्षण स्कोर से जुड़ा होता है।7. जिसे आप नापसंद करते हैं उसके साथ अच्छा होने का मतलब यह नहीं है कि आप नकली हैं, इसका आम तौर पर मतलब है कि आप उस व्यक्ति को सहन करने के लिए पर्याप्त परिपक्व हैं।8. किसी को अपने दिमाग से निकालना मुश्किल है, इसका कारण यह है कि वे आपके बारे में भी सोच रहे हैं।9. जो लोग कटाक्ष को अच्छी तरह समझते हैं वे अक्सर लोगों के मन को पढ़ने में अच्छे होते हैं।10. यदि आपका मन बार-बार भटकता है, तो 85% संभावना है कि आप अवचेतन रूप से अपने जीवन से नाखुश हैं।11. माता-पिता अपने बच्चों से जिस तरह से बात करते हैं, वह उनकी अंतरात्मा की आवाज बन जाती है।12. अपने नकारात्मक विचारों को लिखना और उन्हें कूड़ेदान में फेंक देना आपके मूड को बेहतर बना सकता है। (मैंने कोशिश की और यह वास्तव में काम करता है :)13. ध्यान मात्र 8 सप्ताह में मस्तिष्क की संरचना को बदल सकता है। यह सीखने से जुड़े मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में ग्रे मैटर को भी बढ़ाता है।मनोविज्ञान कहता है कि जो लोग अच्छी सामग्री लिखते हैं और अपने उत्तरों में स्क्रीनशॉट पोस्ट नहीं करते हैं, उन्हें कम व्यू और कम अपवोट मिलते हैं

मनो वैज्ञानिक तथ्य क्या हैं जो लोग नहीं जानते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब नफरत करने वाले आपसे वास्तव में नफरत नहीं करते हैं, वास्तव में वे खुद से नफरत करते हैं क्योंकि आप जो चाहते हैं उसका प्रतिबिंब हैं। 2. एक व्यक्ति दूसरे लोगों के बारे में आपसे कैसे बात करता है, इसे ध्यान से सुनना सुनिश्चित करें। इस तरह वे आपके बारे में दूसरे लोगों से बात करते हैं। 3. हमें केवल दो करीबी दोस्त चाहिए जिन पर हम भरोसा कर सकें। बहुत सारे दोस्त अवसाद और तनाव से जुड़े हुए हैं। 4. जो लोग ज्यादा मेलजोल नहीं करते वे असल में असामाजिक नहीं होते, उनमें ड्रामा और नकली लोगों को बर्दाश्त नहीं होता। 5. अपनी समस्याओं को दूसरों को बताना बंद करें, 20% परवाह नहीं है और अन्य 80% खुश हैं कि आपके पास यह है। 6. पढ़ाई के दौरान चॉकलेट खाने से मस्तिष्क को नई जानकारी बनाए रखने में मदद मिलती है और यह उच्च परीक्षण स्कोर से जुड़ा होता है। 7. जिसे आप नापसंद करते हैं उसके साथ अच्छा होने का मतलब यह नहीं है कि आप नकली हैं, इसका आम तौर पर मतलब है कि आप उस व्यक्ति को सहन करने के लिए पर्याप्त परिपक्व हैं। 8. किसी को अपने दिमाग से निकालना...

मानव गजब के मनोवैज्ञानिक तथ्य कौन से हैं? By वनिता कासनियां पंजाब सबसे पहले जवाब दिया गया: गजब के साइक्लोजिकल तथ्य कौन से हैं? 1. अगर आप अपने आप को 1 हफ्ते के लिए पूरे समाज से अपने परिवार से अपने दोस्तों से दूर कर लेते हो अक्सर तो आप इस दुनिया के दो % बुद्धिमान लोगों में से एक व्यक्ति में से एक हैं।2. जब भी आपको दुविधा महसूस हो तो आप एक पेपर पर अपने विचारों को लिखना शुरू करते हैं। लिखते लिखते आपकी सारी की सारी दुविधा साफ होनी शुरू हो जाएगी।3. अगर आप किसी सवाल का जवाब ढूंढना चाहते हैं आप किसी दुविधा में है तो सोने से पहले उस दुविधा के बारे में सोच कर सोए आपको कुछ दिनों में अपनी दुविधा का जवाब खुद ब खुद मिल जाएगा।4. अगर आप सामने वाले व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने बारे में कुछ थोड़ा बताइए था कि आप सामने वाले व्यक्ति के इंटरेस्ट के बारे में जान सकें।5. अगर आप नीले रंग के कपड़े पहनकर अपने कॉलेज या फिर अपने ऑफिस में जाते हैं तो आप पर लोग ज्यादा विश्वास करेंगे।6. कुछ चीज में पाया गया है कि रात को देर में सोने वाले व्यक्ति अक्सर जल्दी सोने वाले व्यक्ति से ज्यादा दिमागदार होता है।7. अगर आप चाहते हैं कि कोई व्यक्ति आपसे प्यार करने लगे तो आप उस व्यक्ति का ज्यादा से ज्यादा टाइम लेने की कोशिश करें परंतु उस व्यक्ति से चिपके नहीं। ऐसा भी ना हो कि वह व्यक्ति आपके समय की कीमत ना करें।8. अगर आप किसी व्यक्ति से उसके दाहिने कान की तरफ बोल कर उससे मदद मांगेंगे तो संभावना ज्यादा है कि व्यक्ति आपकी मदद करेगा।मैं आशा करती हूं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आ

मानव गजब के मनोवैज्ञानिक तथ्य कौन से हैं? By वनिता कासनियां पंजाब सबसे पहले जवाब दिया गया: गजब के साइक्लोजिकल तथ्य कौन से हैं? 1. अगर आप अपने आप को 1 हफ्ते के लिए पूरे समाज से अपने परिवार से अपने दोस्तों से दूर कर लेते हो अक्सर तो आप इस दुनिया के दो % बुद्धिमान लोगों में से एक व्यक्ति में से एक हैं। 2. जब भी आपको दुविधा महसूस हो तो आप एक पेपर पर अपने विचारों को लिखना शुरू करते हैं। लिखते लिखते आपकी सारी की सारी दुविधा साफ होनी शुरू हो जाएगी। 3. अगर आप किसी सवाल का जवाब ढूंढना चाहते हैं आप किसी दुविधा में है तो सोने से पहले उस दुविधा के बारे में सोच कर सोए आपको कुछ दिनों में अपनी दुविधा का जवाब खुद ब खुद मिल जाएगा। 4. अगर आप सामने वाले व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने बारे में कुछ थोड़ा बताइए था कि आप सामने वाले व्यक्ति के इंटरेस्ट के बारे में जान सकें। 5. अगर आप नीले रंग के कपड़े पहनकर अपने कॉलेज या फिर अपने ऑफिस में जाते हैं तो आप पर लोग ज्यादा विश्वास करेंगे। 6. कुछ चीज में पाया गया है कि रात को देर में सोने वाले व्यक्ति अक्सर जल्दी सोने वाले व्यक्ति से ज्याद...