सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

त्याग की कहानी 〰️〰️🌼〰️〰️By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबबहुत पुरानी बात है। किसी नगर में अनाम नाम का एक नवयुवक रहता था । बेचारे के मां-बाप स्वर्ग सिधार चुके थे । गरीब होने के कारण उसके पास अपने खेत भी नहीं थे, औरों के खेतों में वह दिन भर छोटे-मोटे काम करता और बदले में खाने के लिए आटा-चावल ले आता । घर आकर वह अपना भोजन तैयार करता और खा-पीकर सो जाता । जीवन ऐसे ही संघर्षपूर्ण था, ऊपर से एक और मुसीबत उसके पीछे पड़ गयी ।एक दिन उसने अपने लिए चार रोटियाँ बनाई । हाथ-मुंह धो कर वापस आया, तब तक 3 ही बचीं । दूसरे दिन भी यही हुआ । तीसरे दिन उसने रोटियाँ बनाने के बाद उस स्थान पर नज़र रखी । उसने देखा कि कुछ देर बाद वहाँ एक मोटा सा चूहा आता है और एक रोटी उठा कर वहाँ से जाने लगता है । अनाम तैयार रहता है, वह फ़ौरन चूहे को पकड़ लेता है ।चूहा बोला .. “भैया, मेरी किस्मत का क्यों खा रहे हो ? मेरी चपाती मुझे ले जाने दो"।“तुम्हें ले जाने दी तो मेरा पेट कैसे भरेगा ? मैं पहले से ही अपने जीवन से परेशान हूँ, ऊपर से अब पेट भर खाना भी ना मिले तो मैं क्या करूँगा …. ना जाने मेरे जीवन में खुशहाली कब आएगी ?”, अनाम बोला ।इस पर चूहे ने कहा - तुम्हारे सारे सवालों का जवाब तुम्हें मतंग ऋषि दे सकते हैं।अनाम ने पूछा कौन हैं वह ? चूहे ने उत्तर दिया - वह एक पहुँचे हुए संत हैं, उत्तर दिशा में कई पर्वतों और नदियों को पार करके ही उनके आश्रम तक पहुँचा जा सकता है । तुम उन्हीं के पास जाओ, वही तुम्हारा उद्धार करेंगे ।अनाम चूहे की बात मान गया, और अगली सुबह ही खाने-पीने की गठरी बाँध कर आश्रम की ओर बढ़ चला ।काफी दूर चलने के बाद उसे एक हवेली दिखाई दी । अनाम वहाँ गया और रात भर के लिए शरण माँगी ।हवेली की मालकिन ने पूछा – बेटा कहाँ जा रहे हो ?अनाम मैं मतंग ऋषि के आश्रम जा रहा हूँ ।मालकिन – बहुत अच्छा, उनसे मेरे एक प्रश्न का उत्तर मांग कर लाना, कि मेरी बेटी 20 साल की हो गयी है, वह देखने में अत्यंत सुन्दर है, उसके अन्दर हर प्रकार के गुण भी विद्यमान हैं । बेचारी ने अभी तक एक शब्द नहीं बोला है, पूछना वह कब बोलना शुरू करेगी ? और ऐसा कहते-कहते मालकिन रो पड़ीं ।अनाम - जी आप परेशान ना हों, मैं आपका उत्तर ज़रूर लेकर आऊँगा ।अनाम अगले दिन आगे चल पड़ा । रास्ता बहुत ज्यादा लंबा था । रास्ते में उसे बड़े-बड़े बर्फीले पहाड़ मिले । उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे पार करूँ ? समय बीत रहा था । तभी उसे एक तांत्रिक दिखाई दिया जो वहाँ बैठ कर तपस्या कर रहा था ।अनाम, तांत्रिक के पास गया और उससे बोला कि मुझे मतंग ऋषि के दर्शन को जाना है कैसे जाऊँ ? रास्ता तो बहुत ही परेशानी वाला लग रहा है ?तांत्रिक मैं तुम्हारा सफ़र आसान बना दूँगा पर तुम्हे मेरे एक प्रश्न का उत्तर लाना होगा।अनाम- किन्तु जब आप मुझे वहाँ पहुँचा सकते हैं, तो स्वयं क्यों नहीं चले जाते ?तांत्रिक - क्योंकि मैंने इस स्थान को छोड़ा तो मेरी तपस्या भंग हो जायेगी ।अनाम - ठीक है आप अपना प्रश्न बताएँ ।तांत्रिक - पूछना मेरी तपस्या कब सफल होगी ? मुझे ज्ञान कब मिलेगा ?अनाम - ठीक है, मैं इस प्रश्न का उत्तर ज़रूर लाऊँगा ।इसके बाद तांत्रिक ने अपनी तांत्रिक विद्या से लड़के को पहाड़ पार करा दिया।अब आश्रम तक पहुँचने के लिए सिर्फ एक नदी ही पार करनी थी ।अनाम इतनी विशाल नदी देखकर घबरा गया, तभी उसे नदी के किनारे एक बड़ा सा कछुआ दिखाई दिया । लड़के ने कछुए से मदद माँगी । आप मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार करा दीजिए ।कछुए ने कहा ठीक है । जब दोनों नदी पार कर रहे थे, तो कछुए ने पूछा- कहाँ जा रहे हो ?अनाम ने उत्तर दिया - मैं मतंग ऋषि से मिलने जा रहा हूँ ।कछुए ने कहा - “ये तो बहुत अच्छी बात है । क्या तुम मेरा एक प्रश्न उनसे पूछ सकते हो ?अनाम - जी अपना प्रश्न बताइए ।कछुआ° – मैं एक असाधारण कछुआ हूँ जो समय आने पर ड्रैगन बन सकता है । 500 सालों से मै इसी नदी में हूँ और ड्रैगन बनने की कोशिश कर रहा हूँ । मैं ड्रैगन कब बनूँगा ? बस यह पूछ कर के आ जाना ।नदी पार करके कुछ दूर जाने पर मतंग ऋषि का आश्रम दिखाई देने लगा ।आश्रम में प्रवेश करने पर शिष्यों ने अनाम का स्वागत किया ।संध्या समय ऋषि ने अनाम को दर्शन दिए और बोले – पुत्र, मैं तुम्हारे किन्ही भी तीन प्रश्नों का उत्तर दे सकता हूँ । पूछो अपने प्रश्न ।अनाम असमंजस में फंस गया कि वह अपना प्रश्न पूछे या उसकी मदद करने वाली मालकिन, तांत्रिक और कछुए का !वह अपना प्रश्न पूछना चाहता था, पर उसने सोचा कि उसे मुसीबत में मदद करने वाले लोगों का उपकार नहीं भूलना चाहिये, उसे ये नहीं भूलना चाहिए कि उसने उन लोगों से उनके प्रश्नों के उत्तर लाने का वादा किया है ।उसी पल उसने निश्चय किया कि वह खूब मेहनत करेगा और अपनी ज़िन्दगी बदल देगा … लेकिन इस समय उन 3 लोगों की जिंदगी में बदलाव लाना जरूरी है । और यही सोचते-सोचते उसने ऋषि से पूछा हवेली के मालिक की बेटी कब बोलेगी ?ऋषि° – जैसे ही उसका विवाह होगा, वह बोलना शुरू कर देगी ।अनाम – तांत्रिक को मोक्ष कब प्राप्त होगा ?ऋषि – जब वह अपनी तांत्रिक विद्या का मोह छोड़ उसे किसी और को दे देगा तब उसे ज्ञान की प्राप्ति हो जाएगी ।अनाम – वह कछुआ ड्रैगन कब बनेगा ?ऋषि – जिस दिन उसने अपना कवच उतार दिया वह ड्रैगन बन जाएगा ।अनाम ऋषि से उत्तर जानकर बहुत प्रसन्न हुआ । अगली सुबह वह ऋषि का चरण स्पर्श कर वहाँ से प्रस्थान कर गया। वापस रास्ते में कछुआ मिला । उसने अनाम को नदी पार करा दी और अपने प्रश्न के बारे में पूछा । तब अनाम ने कछुए से कहा कि भैया अगर तुम अपना कवच उतार दो तो तुम ड्रैगन बन जाओगे ।कछुए ने जैसे ही कवच उतारा, उसमे से ढेरों मोती झड़ने लगे, कछुए ने वे सारे मोती अनाम को दे दिए और कुछ ही पलों में ड्रैगन में बदल गया । उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । उसने फ़ौरन अनाम को अपने ऊपर बिठाया और बर्फीली पहाड़ियाँ पार करा दीं । थोड़ा आगे जाने पर उसे तांत्रिक मिला ।अनाम- ने उसे ऋषि की बात बता दी, कि जब आप अपनी तांत्रिक विद्या किसी और को दे देंगे तो आपको ज्ञान की प्राप्ति हो जाएगी ।तांत्रिक- बोला, अब मैं कहाँ किसे ढूँढ़ने जाऊँगा, ऐसा करो तुम ही मेरी विद्या ले लो और ऐसा कहते हुए तांत्रिक ने अपनी सारी विद्या अनाम को दे दी और अगले ही क्षण उसे ज्ञान प्राप्ति की अनुभूति हो गयी ।अनाम वहाँ से आगे बढ़ा और तांत्रिक से मिली विद्या के दम पर जल्द ही हवेली पहुँच गया ।मालकिन ने उसे देखते ही पूछा क्या कहा, ऋषि मतंग ने मेरी बिटिया के बारे में ?“जिस दिन उसकी शादी हो जायेगी, वह बोलने लगेगी ।”, अनाम ने उत्तर दिया ।मालकिन बोलीं तो देर किस बात की है, तुम इतनी बड़ी खुशखबरी लाये हो भला तुम से अच्छा लड़का उसके लिए कौन हो सकता है ?दोनों की शादी करा दी गयी और सचमुच लड़की बोलने लगी ।अनाम- अपनी पत्नी को लेकर गाँव पहुँचा । उसने सबसे पहले उस चूहे को धन्यवाद दिया और अपनी नयी हवेली में उसके लिए भी रहने की एक जगह बनवा दी ।बाल वनिता महिला आश्रमकभी जीवन से हार चुके अनाम के पास आज धन-दौलत,परिवार,ताकत सब कुछ था,सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने अपने प्रश्न का त्याग किया था,उसने खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचा था और यही जीवन में कामयाब होने का फार्मूला है,ये मत पूछिए कि औरों ने आपके लिए क्या किया ये सोचिये कि आपने औरों के लिए क्या किया ? जब आप इस सेवा भाव के साथ दुनियाँ की सेवा करेंगे और दूसरों के लिए अपनी इच्छा का त्याग करेंगे तो ईश्वर आपके जीवन में भी चमत्कार करेगा और त्याग की ताकत से आपको जीवन की हर खुशियाँ सहज ही प्राप्त हो जायेंगी ..!!〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️

त्याग की कहानी 
〰️〰️🌼〰️〰️
बहुत पुरानी बात है। किसी नगर में अनाम नाम का एक नवयुवक रहता था । बेचारे के मां-बाप स्वर्ग सिधार चुके थे । गरीब होने के कारण उसके पास अपने खेत भी नहीं थे, औरों के खेतों में वह दिन भर छोटे-मोटे काम करता और बदले में खाने के लिए आटा-चावल ले आता । घर आकर वह अपना भोजन तैयार करता और खा-पीकर सो जाता । जीवन ऐसे ही संघर्षपूर्ण था, ऊपर से एक और मुसीबत उसके पीछे पड़ गयी ।

एक दिन उसने अपने लिए चार रोटियाँ बनाई । हाथ-मुंह धो कर वापस आया, तब तक 3 ही बचीं । दूसरे दिन भी यही हुआ । तीसरे दिन उसने रोटियाँ बनाने के बाद उस स्थान पर नज़र रखी । उसने देखा कि कुछ देर बाद वहाँ एक मोटा सा चूहा आता है और एक रोटी उठा कर वहाँ से जाने लगता है । अनाम तैयार रहता है, वह फ़ौरन चूहे को पकड़ लेता है ।

चूहा बोला .. “भैया, मेरी किस्मत का क्यों खा रहे हो ? मेरी चपाती मुझे ले जाने दो"।

“तुम्हें ले जाने दी तो मेरा पेट कैसे भरेगा ? मैं पहले से ही अपने जीवन से परेशान हूँ, ऊपर से अब पेट भर खाना भी ना मिले तो मैं क्या करूँगा …. ना जाने मेरे जीवन में खुशहाली कब आएगी ?”, अनाम बोला ।

इस पर चूहे ने कहा - तुम्हारे सारे सवालों का जवाब तुम्हें मतंग ऋषि दे सकते हैं।
अनाम ने पूछा कौन हैं वह ? 

चूहे ने उत्तर दिया - वह एक पहुँचे हुए संत हैं, उत्तर दिशा में कई पर्वतों और नदियों को पार करके ही उनके आश्रम तक पहुँचा जा सकता है । तुम उन्हीं के पास जाओ, वही तुम्हारा उद्धार करेंगे ।

अनाम चूहे की बात मान गया, और अगली सुबह ही खाने-पीने की गठरी बाँध कर आश्रम की ओर बढ़ चला ।

काफी दूर चलने के बाद उसे एक हवेली दिखाई दी । अनाम वहाँ गया और रात भर के लिए शरण माँगी ।

हवेली की मालकिन ने पूछा – बेटा कहाँ जा रहे हो ?

अनाम मैं मतंग ऋषि के आश्रम जा रहा हूँ ।

मालकिन – बहुत अच्छा, उनसे मेरे एक प्रश्न का उत्तर मांग कर लाना, कि मेरी बेटी 20 साल की हो गयी है, वह देखने में अत्यंत सुन्दर है, उसके अन्दर हर प्रकार के गुण भी विद्यमान हैं । बेचारी ने अभी तक एक शब्द नहीं बोला है, पूछना वह कब बोलना शुरू करेगी ? और ऐसा कहते-कहते मालकिन रो पड़ीं ।

अनाम - जी आप परेशान ना हों, मैं आपका उत्तर ज़रूर लेकर आऊँगा ।
अनाम अगले दिन आगे चल पड़ा । रास्ता बहुत ज्यादा लंबा था । रास्ते में उसे बड़े-बड़े बर्फीले पहाड़ मिले । उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे पार करूँ ? समय बीत रहा था । तभी उसे एक तांत्रिक दिखाई दिया जो वहाँ बैठ कर तपस्या कर रहा था ।

अनाम, तांत्रिक के पास गया और उससे बोला कि मुझे मतंग ऋषि के दर्शन को जाना है कैसे जाऊँ ? रास्ता तो बहुत ही परेशानी वाला लग रहा है ?

तांत्रिक मैं तुम्हारा सफ़र आसान बना दूँगा पर तुम्हे मेरे एक प्रश्न का उत्तर लाना होगा।

अनाम- किन्तु जब आप मुझे वहाँ पहुँचा सकते हैं, तो स्वयं क्यों नहीं चले जाते ?

तांत्रिक - क्योंकि मैंने इस स्थान को छोड़ा तो मेरी तपस्या भंग हो जायेगी ।

अनाम - ठीक है आप अपना प्रश्न बताएँ ।

तांत्रिक - पूछना मेरी तपस्या कब सफल होगी ? मुझे ज्ञान कब मिलेगा ?

अनाम - ठीक है, मैं इस प्रश्न का उत्तर ज़रूर लाऊँगा ।

इसके बाद तांत्रिक ने अपनी तांत्रिक विद्या से लड़के को पहाड़ पार करा दिया।

अब आश्रम तक पहुँचने के लिए सिर्फ एक नदी ही पार करनी थी ।

अनाम इतनी विशाल नदी देखकर घबरा गया, तभी उसे नदी के किनारे एक बड़ा सा कछुआ दिखाई दिया । लड़के ने कछुए से मदद माँगी । आप मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार करा दीजिए ।

कछुए ने कहा ठीक है । जब दोनों नदी पार कर रहे थे, तो कछुए ने पूछा- कहाँ जा रहे हो ?

अनाम ने उत्तर दिया - मैं मतंग ऋषि से मिलने जा रहा हूँ ।

कछुए ने कहा - “ये तो बहुत अच्छी बात है । क्या तुम मेरा एक प्रश्न उनसे पूछ सकते हो ?

अनाम - जी अपना प्रश्न बताइए ।

कछुआ° – मैं एक असाधारण कछुआ हूँ जो समय आने पर ड्रैगन बन सकता है । 500 सालों से मै इसी नदी में हूँ और ड्रैगन बनने की कोशिश कर रहा हूँ । मैं ड्रैगन कब बनूँगा ? बस यह पूछ कर के आ जाना ।

नदी पार करके कुछ दूर जाने पर मतंग ऋषि का आश्रम दिखाई देने लगा ।
आश्रम में प्रवेश करने पर शिष्यों ने अनाम का स्वागत किया ।

संध्या समय ऋषि ने अनाम को दर्शन दिए और बोले – पुत्र, मैं तुम्हारे किन्ही भी तीन प्रश्नों का उत्तर दे सकता हूँ । पूछो अपने प्रश्न ।

अनाम असमंजस में फंस गया कि वह अपना प्रश्न पूछे या उसकी मदद करने वाली मालकिन, तांत्रिक और कछुए का !

वह अपना प्रश्न पूछना चाहता था, पर उसने सोचा कि उसे मुसीबत में मदद करने वाले लोगों का उपकार नहीं भूलना चाहिये, उसे ये नहीं भूलना चाहिए कि उसने उन लोगों से उनके प्रश्नों के उत्तर लाने का वादा किया है ।

उसी पल उसने निश्चय किया कि वह खूब मेहनत करेगा और अपनी ज़िन्दगी बदल देगा … लेकिन इस समय उन 3 लोगों की जिंदगी में बदलाव लाना जरूरी है । और यही सोचते-सोचते उसने ऋषि से पूछा हवेली के मालिक की बेटी कब बोलेगी ?

ऋषि° – जैसे ही उसका विवाह होगा, वह बोलना शुरू कर देगी ।

अनाम – तांत्रिक को मोक्ष कब प्राप्त होगा ?

ऋषि – जब वह अपनी तांत्रिक विद्या का मोह छोड़ उसे किसी और को दे देगा तब उसे ज्ञान की प्राप्ति हो जाएगी ।

अनाम – वह कछुआ ड्रैगन कब बनेगा ?

ऋषि – जिस दिन उसने अपना कवच उतार दिया वह ड्रैगन बन जाएगा ।

अनाम ऋषि से उत्तर जानकर बहुत प्रसन्न हुआ । अगली सुबह वह ऋषि का चरण स्पर्श कर वहाँ से प्रस्थान कर गया। वापस रास्ते में कछुआ मिला । उसने अनाम को नदी पार करा दी और अपने प्रश्न के बारे में पूछा । तब अनाम ने कछुए से कहा कि भैया अगर तुम अपना कवच उतार दो तो तुम ड्रैगन बन जाओगे ।
कछुए ने जैसे ही कवच उतारा, उसमे से ढेरों मोती झड़ने लगे, कछुए ने वे सारे मोती अनाम को दे दिए और कुछ ही पलों में ड्रैगन में बदल गया । उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । उसने फ़ौरन अनाम को अपने ऊपर बिठाया और बर्फीली पहाड़ियाँ पार करा दीं । थोड़ा आगे जाने पर उसे तांत्रिक मिला ।

अनाम- ने उसे ऋषि की बात बता दी, कि जब आप अपनी तांत्रिक विद्या किसी और को दे देंगे तो आपको ज्ञान की प्राप्ति हो जाएगी ।

तांत्रिक- बोला, अब मैं कहाँ किसे ढूँढ़ने जाऊँगा, ऐसा करो तुम ही मेरी विद्या ले लो और ऐसा कहते हुए तांत्रिक ने अपनी सारी विद्या अनाम को दे दी और अगले ही क्षण उसे ज्ञान प्राप्ति की अनुभूति हो गयी ।

अनाम वहाँ से आगे बढ़ा और तांत्रिक से मिली विद्या के दम पर जल्द ही हवेली पहुँच गया ।

मालकिन ने उसे देखते ही पूछा क्या कहा, ऋषि मतंग ने मेरी बिटिया के बारे में ?

“जिस दिन उसकी शादी हो जायेगी, वह बोलने लगेगी ।”, अनाम ने उत्तर दिया ।
मालकिन बोलीं तो देर किस बात की है, तुम इतनी बड़ी खुशखबरी लाये हो भला तुम से अच्छा लड़का उसके लिए कौन हो सकता है ?
दोनों की शादी करा दी गयी और सचमुच लड़की बोलने लगी ।

अनाम- अपनी पत्नी को लेकर गाँव पहुँचा । उसने सबसे पहले उस चूहे को धन्यवाद दिया और अपनी नयी हवेली में उसके लिए भी रहने की एक जगह बनवा दी ।

कभी जीवन से हार चुके अनाम के पास आज धन-दौलत,परिवार,ताकत सब कुछ था,सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने अपने प्रश्न का त्याग किया था,उसने खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचा था और यही जीवन में कामयाब होने का फार्मूला है,ये मत पूछिए कि औरों ने आपके लिए क्या किया ये सोचिये कि आपने औरों के लिए क्या किया ? जब आप इस सेवा भाव के साथ दुनियाँ की सेवा करेंगे और दूसरों के लिए अपनी इच्छा का त्याग करेंगे तो ईश्वर आपके जीवन में भी चमत्कार करेगा और त्याग की ताकत से आपको जीवन की हर खुशियाँ सहज ही प्राप्त हो जायेंगी ..!!
〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*****प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत |******बाल वनिता महिला आश्रम ज्योतिष में वर्णित प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत के द्वारा हम यह जानने में समर्थ होते है कि किसी प्रेमी- प्रेमिका का प्यार विवाह में परिणत होगा या नहीं। वस्तुतः “प्रेमी और प्रेमिका” के मध्य प्रेम की पराकाष्ठा का विवाह में तब्दील होना ही प्रेम विवाह(Love Marriage) है या यूं कहे कि जब लड़का और लड़की में परस्पर प्रेम होता है तदनन्तर जब दोनों एक दूसरे को जीवन साथी के रूप में देखने लगते है और वही प्रेम जब विवाह के रूप में परिणत हो जाता है तो हम उसे प्रेम-विवाह कहते है।प्रेम विवाह हेतु निर्धारित भाव एवं ग्रहवहीं सभी ग्रहो को भी विशेष कारकत्व प्रदान किया गया है। यथा “शुक्र ग्रह” को प्रेम तथा विवाह का कारक माना गया है। स्त्री की कुंडली में “ मगल ग्रह ” प्रेम का कारक माना गया है। ज्योतिषशास्त्र में सभी विषयों के लिए निश्चित भाव निर्धारित किया गया है लग्न, पंचम, सप्तम, नवम, एकादश, तथा द्वादश भाव को प्रेम-विवाह का कारक भाव माना गया है यथा —लग्न भाव — जातक स्वयं।पंचम भाव — प्रेम या प्यार का स्थान।सप्तम भाव — विवाह का भाव।नवम भाव — भाग्य स्थान।एकादश भाव — लाभ स्थान।द्वादश भाव — शय्या सुख का स्थान। ******प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत या नियम##पंचम और सप्तम भाव तथा भावेश के साथ सम्बन्ध। पंचम भाव प्रेम का भाव है और सप्तम भाव विवाह का अतः जब पंचम भाव का सम्बन्ध सप्तम भाव भावेश से होता है तब प्रेमी-प्रेमिका वैवाहिक सूत्र में बंधते हैं।पंचमेश-सप्तमेश-नवमेश तथा लग्नेश का किसी भी प्रकार से परस्पर सम्बन्ध हो रहा हो तो जातक का प्रेम, विवाह में अवश्य ही परिणत होगा हाँ यदि अशुभ ग्रहो का भी सम्बन्ध बन रहा हो तो वैवाहिक समस्या आएगी।लग्नेश-पंचमेश-सप्तमेश- नवमेश तथा द्वादशेश का सम्बन्ध भी अवश्य ही प्रेमी प्रेमिका को वैवाहिक बंधन बाँधने में सफल होता है।प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र या मंगल का पंचम तथा सप्तम भाव-भावेश के साथ सम्बन्ध होना भी विवाह कराने में सक्षम होता है।सभी भावो में नवम भाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है नवम भाव का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सम्बन्ध होने पर माता-पिता का आशीर्वाद मिलता है और यही कारण है की नवम भाव -भावेश का पंचम- सप्तम भाव भावेश से सम्बन्ध बनता है तो विवाह भागकर या गुप्त रूप से न होकर सामाजिक और पारिवारिक रीति-रिवाजो से होती है।शुक्र अगर लग्न स्थान में स्थित है और चन्द्र कुण्डली में शुक्र पंचम भाव में स्थित है तब भी प्रेम विवाह संभव होता है।नवमांश कुण्डली जन्म कुण्डली का सूक्ष्म शरीर माना जाता है अगर कुण्डली में प्रेम विवाह योग नहीं है या आंशिक है और नवमांश कुण्डली में पंचमेश, सप्तमेश और नवमेश की युति होती है तो प्रेम विवाह की संभावना प्रबल हो जाती है।पाप ग्रहो का सप्तम भाव-भावेश से युति हो तो प्रेम विवाह की सम्भावना बन जाती है। राहु और केतु का सम्बन्ध लग्न या सप्तम भाव-भावेश से हो तो प्रेम विवाह का सम्बन्ध बनता है।लग्नेश तथा सप्तमेश का परिवर्तन योग या केवल सप्तमेश का लग्न में होना या लग्नेश का सप्तम में होना भी प्रेम विवाह करा देता है।चन्द्रमा ( जाने ! चन्द्रमा का सप्तम भाव में फल ) तथा शुक्र ( Venus) का लग्न या सप्तम में होना भी प्रेम विवाह की ओर संकेत करता है।उदाहरण कुंडली से प्रेम विवाह के ज्योतिषीय कारण को समझा जा सकता है।जन्म की तारीख- 12 अप्रैल 1985, जन्म का समय- 13:00, जन्म का स्थान– दिल्ली, लिंग- महिलाप्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत Astrological theory of Love Marriageप्रस्तुत जन्म कुंडली कर्क लग्न की है। इस कुंडली में विवाह भाव सप्तम का स्वामी शनि प्रेम भाव पंचम में चला गया है और वहां से शनि तीसरी दृष्टि से अपने ही घर सप्तम को देख भी रहा है इस प्रकार यहां पंचम और सप्तम भाव से सीधा सम्बन्ध बन रहा है अतः स्पष्ट है कि प्रेम विवाह होगा।लग्नेश चन्द्रमा तथा नवमेश गुरू दोनों की युति सप्तम स्थान में है तथा सप्तमेश शनि भी देख रहा है। इस प्रकार यहाँ लग्न, पंचम, सप्तम तथा नवम का सीधा सम्बन्ध बन रहा है। यही कारण है कि जातक का विवाह प्रेम-विवाह हुआ।नाम- इंदिरा गांधी, जन्म तारीख- 19 नवम्बर 1917, जन्म समय- 22:11:00,जन्म स्थान- ईलाहाबाद, उत्तरप्रदेश प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत | Astrological theory of Love Marriage-minप्रस्तुत जन्म कुंडली इंदिरा गांधी(Indira Gandhi) की है। सभी जानते है कि इनका प्रेम-विवाह(Love Marriage) हुआ था। यह कर्क लग्न की कुंडली है। इस कुंडली में विवाह भाव सप्तम का स्वामी शनि की लग्न में युति तथा लग्नेश चन्द्रमा की सप्तम भाव में युति तथा परस्पर सप्तम से दृष्टि देखना प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत को पुष्ट करता है।नवमेश गुरु लाभ स्थान में बैठकर पंचम भाव तथा सप्तम भाव एवं लग्नेश को भी देख रहा है। वहीँ वक्री होकर सप्तमेश को भी देख रहा है जो की प्रेम-विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत को 100 प्रतिशत पुष्ट करता है।प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र या मंगल का पंचम तथा सप्तम भाव-भावेश के साथ सम्बन्ध होना भी विवाह कराने में सक्षम होता है।सभी भावो में नवम भाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है नवम भाव का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सम्बन्ध होने पर माता-पिता का आशीर्वाद मिलता है और यही कारण है की नवम भाव -भावेश का पंचम- सप्तम भाव भावेश से सम्बन्ध बनता है तो विवाह भागकर या गुप्त रूप से न होकर सामाजिक और पारिवारिक रीति-रिवाजो से होती है।शुक्र अगर लग्न स्थान में स्थित है और चन्द्र कुण्डली में शुक्र पंचम भाव में स्थित है तब भी प्रेम विवाह संभव होता है।नवमांश कुण्डली जन्म कुण्डली का सूक्ष्म शरीर माना जाता है अगर कुण्डली में प्रेम विवाह योग नहीं है या आंशिक है और नवमांश कुण्डली में पंचमेश, सप्तमेश और नवमेश की युति होती है तो प्रेम विवाह की संभावना प्रबल हो जाती है।पाप ग्रहो का सप्तम भाव-भावेश से युति हो तो प्रेम विवाह की सम्भावना बन जाती है। राहु और केतु का सम्बन्ध लग्न या सप्तम भाव-भावेश से हो तो प्रेम विवाह का सम्बन्ध बनता है।लग्नेश तथा सप्तमेश का परिवर्तन योग या केवल सप्तमेश का लग्न में होना या लग्नेश का सप्तम में होना भी प्रेम विवाह करा देता है।चन्द्रमा ( जाने ! चन्द्रमा का सप्तम भाव में फल ) तथा शुक्र ( Venus) का लग्न या सप्तम में होना भी प्रेम विवाह की ओर संकेत करता है।

*****प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत |****** बाल वनिता महिला आश्रम  ज्योतिष में वर्णित प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत के द्वारा हम यह जानने में समर्थ होते है कि किसी प्रेमी- प्रेमिका का प्यार विवाह में परिणत होगा या नहीं। वस्तुतः “प्रेमी और प्रेमिका” के मध्य प्रेम की पराकाष्ठा का विवाह में तब्दील होना ही प्रेम विवाह(Love Marriage) है या यूं कहे कि जब लड़का और लड़की में परस्पर प्रेम होता है तदनन्तर जब दोनों एक दूसरे को जीवन साथी के रूप में देखने लगते है और वही प्रेम जब विवाह के रूप में परिणत हो जाता है तो हम उसे प्रेम-विवाह कहते है। प्रेम विवाह हेतु निर्धारित भाव एवं ग्रह वहीं सभी ग्रहो को भी विशेष कारकत्व प्रदान किया गया है। यथा “शुक्र ग्रह” को प्रेम तथा विवाह का कारक माना गया है। स्त्री की कुंडली में “ मगल ग्रह ” प्रेम का कारक माना गया है। ज्योतिषशास्त्र में सभी विषयों के लिए निश्चित भाव निर्धारित किया गया है लग्न, पंचम, सप्तम, नवम, एकादश, तथा द्वादश भाव को प्रेम-विवाह का कारक भाव माना गया है यथा — लग्न भाव — जातक स्वयं। पंचम भाव — प्रेम या प्यार का स्थान। सप्तम...

*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-*By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है।यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है।यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं।यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है।नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र लग सकती है। अतः कुंडली में राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए। इसके अलावा सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता है। इसलिए सूर्य के उपाय भी ज़रुरी है। इसमें आपके लिए शनि ग्रह के उपाय भी ज़रुरी है। जैसे -👉 बुधवार के दिन सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) का दान करें।👉 बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ धारण करें।👉 राहु यंत्र की स्थापना कर उसी पूजा करें।👉 नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।बुरी नज़र उतारने के उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️निम्न टोटकों को अपनाकर भी आप अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी ला सकते हैंः👉 पंचमुखी का हनुमान जी का लॉकेट धारण करें।👉 हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का नित्य जापा करें।👉 हनुमान जी के मंदिर जाकर उसके कंधों का सिंदूर माथे पर लगाएँ।👉 यदि कोई व्यक्ति बुरी नज़र से प्रभावित है तो उसे भैरो बाबा के मंदिर से मिलने वाला काला धागा धारण करना चाहिए। इससे उप पर लगी बुरी नज़र उतर जाएगी।👉 यदि बार-बार धन हानि हो रही है तो लाल कपड़े में दो कौड़ियां बांधकर तिजोरी में रख दे।👉 एक रोटी बनाएं और उसे केवल एक तरफ़ से ही सेंकें। अब सिके हुए भाग पर तेल लगाकर उसमें लाल मिर्च एवं नमक दो डेली रखें। अब नज़र दोष से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर सात बार इसे फिराकर चुपचाप से इसे किसी चौराह पर रखें।बच्चों की नजर उतारने के उपाय〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️👉 बच्चों की बुरी नजर उतारने के उपाय हेतूु बचपन में हमारी दादी, नानी या माँ के द्वारा सूखी लाल मिर्च, फिटकरी, मुठ्ठी भर नमक या फिर नीम की टहनी आदि के टोटके से हमारी नज़र उतारी गई होगी। नज़र उतारने के दादी मां के घरेलू नुस्खे होते हैं। इसके अलावा जानते हैं अन्य टोटके।👉 पीली कौड़ी में छेद करके उसे बच्चे को पहनाना चाहिए।👉 बच्चों को मोती चांद का लॉकेट पहनाएं या काले-सफेद मोती जड़ित नज़रबंद का ब्रेसलेट पहनाएं।👉 यदि बच्चा दूध पीने में आनाकानी कर रहा है तो उसके ऊपर से दूध को उसारकर कुत्ते को पिला दें।👉यदि आप किसी को शक़ है कि बच्चे को उसी की नज़र लगी है तो उसका हाथ बच्चे के ऊपर फिरवाएं।दो लाल सूखी मिर्च, थोड़ा सेंधा नमक, थोड़े सरसो के बीज लें। इसके बाद बच्चे के उपर से नीचे, आगे और पीछे तीन बार घुमाए अब एक गर्म पर यह सब डाल दें। धुआं उठने के बाद कुछ ही देर में बुरी नजर उतर जाएगी।बाल वनिता महिला आश्रम〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️नोट; अधिक जानकारी अथवा कुंडली विश्लेषण के लिए मैसेंजर पर संपर्क करें।धन्यवाद#बाल_वनिता_महिला_आश्रम.

*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है। यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है। यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं। यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है। नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय- 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र ...

मानव गजब के मनोवैज्ञानिक तथ्य कौन से हैं? By वनिता कासनियां पंजाब सबसे पहले जवाब दिया गया: गजब के साइक्लोजिकल तथ्य कौन से हैं? 1. अगर आप अपने आप को 1 हफ्ते के लिए पूरे समाज से अपने परिवार से अपने दोस्तों से दूर कर लेते हो अक्सर तो आप इस दुनिया के दो % बुद्धिमान लोगों में से एक व्यक्ति में से एक हैं।2. जब भी आपको दुविधा महसूस हो तो आप एक पेपर पर अपने विचारों को लिखना शुरू करते हैं। लिखते लिखते आपकी सारी की सारी दुविधा साफ होनी शुरू हो जाएगी।3. अगर आप किसी सवाल का जवाब ढूंढना चाहते हैं आप किसी दुविधा में है तो सोने से पहले उस दुविधा के बारे में सोच कर सोए आपको कुछ दिनों में अपनी दुविधा का जवाब खुद ब खुद मिल जाएगा।4. अगर आप सामने वाले व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने बारे में कुछ थोड़ा बताइए था कि आप सामने वाले व्यक्ति के इंटरेस्ट के बारे में जान सकें।5. अगर आप नीले रंग के कपड़े पहनकर अपने कॉलेज या फिर अपने ऑफिस में जाते हैं तो आप पर लोग ज्यादा विश्वास करेंगे।6. कुछ चीज में पाया गया है कि रात को देर में सोने वाले व्यक्ति अक्सर जल्दी सोने वाले व्यक्ति से ज्यादा दिमागदार होता है।7. अगर आप चाहते हैं कि कोई व्यक्ति आपसे प्यार करने लगे तो आप उस व्यक्ति का ज्यादा से ज्यादा टाइम लेने की कोशिश करें परंतु उस व्यक्ति से चिपके नहीं। ऐसा भी ना हो कि वह व्यक्ति आपके समय की कीमत ना करें।8. अगर आप किसी व्यक्ति से उसके दाहिने कान की तरफ बोल कर उससे मदद मांगेंगे तो संभावना ज्यादा है कि व्यक्ति आपकी मदद करेगा।मैं आशा करती हूं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आ

मानव गजब के मनोवैज्ञानिक तथ्य कौन से हैं? By वनिता कासनियां पंजाब सबसे पहले जवाब दिया गया: गजब के साइक्लोजिकल तथ्य कौन से हैं? 1. अगर आप अपने आप को 1 हफ्ते के लिए पूरे समाज से अपने परिवार से अपने दोस्तों से दूर कर लेते हो अक्सर तो आप इस दुनिया के दो % बुद्धिमान लोगों में से एक व्यक्ति में से एक हैं। 2. जब भी आपको दुविधा महसूस हो तो आप एक पेपर पर अपने विचारों को लिखना शुरू करते हैं। लिखते लिखते आपकी सारी की सारी दुविधा साफ होनी शुरू हो जाएगी। 3. अगर आप किसी सवाल का जवाब ढूंढना चाहते हैं आप किसी दुविधा में है तो सोने से पहले उस दुविधा के बारे में सोच कर सोए आपको कुछ दिनों में अपनी दुविधा का जवाब खुद ब खुद मिल जाएगा। 4. अगर आप सामने वाले व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने बारे में कुछ थोड़ा बताइए था कि आप सामने वाले व्यक्ति के इंटरेस्ट के बारे में जान सकें। 5. अगर आप नीले रंग के कपड़े पहनकर अपने कॉलेज या फिर अपने ऑफिस में जाते हैं तो आप पर लोग ज्यादा विश्वास करेंगे। 6. कुछ चीज में पाया गया है कि रात को देर में सोने वाले व्यक्ति अक्सर जल्दी सोने वाले व्यक्ति से ज्याद...