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(वास्तु),


Vastu fault prevention measures
By वनिता कासनियां पंजाब:
हर व्यक्ति की कामना होती है कि उसका एक सुंदर एवं वास्तु के अनुरूप घर हो जिसमें वह और उसका परिवार प्रेम, सुख शांति से जीवन जी सकें । लेकिन यदि उस भवन में कुछ वास्तु दोष हो तो भवन के निवासियों को को परिवारिक, आर्थिक और सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। भवन के निर्माण के बाद उसे फिर से तोड़कर वास्तु दोषों को दूर करना बहुत ही कठिन होता है। इसीलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने बिना किसी तोड़-फोड़ के इन दोषों को दूर करने के कुछ आसान से उपाय बताए हैं जिन्हें करके हम निश्चय ही अपने जीवन को और भी अधिक ऊँचाइयों पर ले जा सकते है ।



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ईशान दिशा के वास्तु दोष निवारण के उपाय *

यदि भवन के ईशान क्षेत्र कटा हो या उसमे कोई वास्तु दोष हो तो उस कटे हुए भाग पर एक बड़ा शीशा लगाएं। इससे भवन का ईशान क्षेत्र बड़ा हुआ सा प्रतीत होता है। इसके अतिरिक्त किसी साधु महात्मा अथवा गुरु बृहस्पति या फिर ब्रह्मा जी का कोई चित्र अथवा मूर्ति को ईशान में रखें। बृहस्पति ईशान के स्वामी और देवताओं के गुरु हैं। ईशान के वास्तु दोषो के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए साधु महात्माओं को बृहस्पतिवार को बेसन की बर्फी या लड्डुओं का प्रसाद बांटना चाहिए।
 
* ईशानोन्मुख भवन की उत्तरी दिशा में ऊंची इमारत या भवन हो तो इस ऊंची इमारत और भवन के बीच एक मार्ग / पतली गैलरी बना देना चाहिए अर्थात् कुछ खाली जगह छोड़ दें। इससे ऊंची इमारत के कारण उत्पन्न दोष का स्वतः निवारण हो जाएगा।
 
 * अगर ईशान कोण में रसोई घर हो तो उस रसोई घर के अंदर गैस चूल्हे को आग्नेय कोण में रख दें और रसोई के ईशान कोण में साफ बर्तन में जल भरकर रखें।
 
* अगर ईशान कोण में शौचालय हो तो उस शौचालय का प्रयोग यथासंभव बंद कर दें अथवा शौचालय की बाहरी दीवार पर एक बड़ा आदमकद शीशा या शिकार करता हुआ शेर का चित्र लगाएं। ईशान में शौचालय होने में उपरोक्त में कोई भी उपाय अवश्य ही करें क्योंकि ईशान कोण में शौचालय होना अत्यंत अशुभ होता  है।
 
* ईशान क्षेत्र में  पेयजल का कोई स्रोत/नल जरूर होना चाहिए है। ईशान में एक चीनी मिट्टी के एक पात्र में जल में गुलदस्ता या एक जल के पात्र में फूलों की पंखुड़ियां रखें और इस जल और फूलों को नित्य बदलते रहें।
 
* ईशान दिशा के भवन में शुभ फलों की प्राप्ति हेतु विधिपूर्वक बृहस्पति यंत्र की स्थापना करें।

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पूर्व दिशा के वास्तु दोष निवारण के उपाय *
 
 यदि भवन का पूर्व क्षेत्र कटा हो या उसमे कोई वास्तु दोष हो तो उस कटे हुए भाग पर एक बड़ा शीशा लगाएं। इससे भवन का पूर्व क्षेत्र बड़ा हुआ सा प्रतीत होता है। पूर्व की दिशा में वास्तु दोष होने पर उस दिशा में  भगवान सूर्य देव की सात घोड़ों के रथ पर सवार वाली एक तस्वीर मूर्ति स्थापित करें ।
 
* नित्य सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को ताम्बें के बर्तन में जल में गुड़ और लाल चन्दन को डाल कर गायत्री मंत्र का सात बार जप करते हुए अर्ध्य दें। पुरूष अपने पिता और स्त्री अपने पति की सेवा करें।
 
* भवन के पूर्वी भाग के ऊँचा होने से धन और स्वास्थ्य की हानि होती है अत: भवन के पूर्वी भाग को सदैव नीचा, साफ-सुथरा और खाली रखें इससे घर के लोग स्वस्थ रहेंगें, धन और वंश की वृद्धि होगी तथा समाज में मान-प्रतिष्ठा भी प्राप्त होगी ।
 
* पूर्व दिशा में लाल, सुनहरे और पीले रंग का प्रयोग करें। पूर्वी बगीचे में लाल गुलाब रोपें। पूर्व दिशा को बल देने के लिए बंदरों को गुड़ और भुने हुए चने खिलाएं।
 
* पूर्व दिशा के भवन में मुखिया को हर रविवार को आदित्य ह्र्दय का पाठ करन चाहिए। पूर्व दिशा के भवन में पूर्व में तुलसी का पौधा अवश्य ही लगाएं
 
* भवन में सूर्य की प्रथम किरणों के प्रवेश हेतु खिड़की अवश्य ही होनी चाहिए। अथवा पूर्व दिशा में एक दीपक / सुनहरी या पीली रोशनी देने वाला बल्ब जलाएं।
 
* पूर्व दिशा के भवन में में सूर्य यंत्र की स्थापना अवश्य ही करें। पूर्व मुखी भवन में मुख्य द्वार के बाहर ऊपर की ओर सूर्य का चित्र या प्रतिमा अवश्य ही लगानी चाहिए इससे सदैव शुभता की प्राप्ति होती है ।
 
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आग्नेय दिशा के वास्तु दोष निवारण के उपाय *
 
* यदि भवन का आग्नेय कोण कटा हो या बढ़ा हो तो इसे काटकर वर्गाकार या आयताकार बनाएं। आग्नेय  दिशा में लाल रंग का एक  बल्ब कम से कम तीन घंटे तक अवश्य ही जलाए रखें।
 
* आग्नेय दिशा में द्वार होने पर उस पर लाल रंग का पेंट करा दें अथवा लाल रंग का पर्दा लगा दें ।
 
* आग्नेय दिशा में गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति रखने , अग्नि देव की एक तस्वीर, मूर्ति अग्नेय दिशा के वास्तु दोष दूर होते है। आग्नेय कोण में मनीप्लांट का पौधा लगाएं। इस दिशा में ऊंचे पेड़ बिलकुल भी न लगाएं।
 
* अग्नेय कोण के भवन में लाभ हेतु प्रतिदिन रसोई में बनने वाली पहली रोटी गाय को खिलाएं एवं हर शुक्रवार को गाय को गुड़ खिलाये।
 
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चन्द्रमा का सप्तम भाव में फल ) तथा शुक्र ( Venus) का लग्न या सप्तम में होना भी प्रेम विवाह की ओर संकेत करता है।उदाहरण कुंडली से प्रेम विवाह के ज्योतिषीय कारण को समझा जा सकता है।जन्म की तारीख- 12 अप्रैल 1985, जन्म का समय- 13:00, जन्म का स्थान– दिल्ली, लिंग- महिलाप्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत Astrological theory of Love Marriageप्रस्तुत जन्म कुंडली कर्क लग्न की है। इस कुंडली में विवाह भाव सप्तम का स्वामी शनि प्रेम भाव पंचम में चला गया है और वहां से शनि तीसरी दृष्टि से अपने ही घर सप्तम को देख भी रहा है इस प्रकार यहां पंचम और सप्तम भाव से सीधा सम्बन्ध बन रहा है अतः स्पष्ट है कि प्रेम विवाह होगा।लग्नेश चन्द्रमा तथा नवमेश गुरू दोनों की युति सप्तम स्थान में है तथा सप्तमेश शनि भी देख रहा है। इस प्रकार यहाँ लग्न, पंचम, सप्तम तथा नवम का सीधा सम्बन्ध बन रहा है। यही कारण है कि जातक का विवाह प्रेम-विवाह हुआ।नाम- इंदिरा गांधी, जन्म तारीख- 19 नवम्बर 1917, जन्म समय- 22:11:00,जन्म स्थान- ईलाहाबाद, उत्तरप्रदेश प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत | Astrological theory of Love Marriage-minप्रस्तुत जन्म कुंडली इंदिरा गांधी(Indira Gandhi) की है। सभी जानते है कि इनका प्रेम-विवाह(Love Marriage) हुआ था। यह कर्क लग्न की कुंडली है। इस कुंडली में विवाह भाव सप्तम का स्वामी शनि की लग्न में युति तथा लग्नेश चन्द्रमा की सप्तम भाव में युति तथा परस्पर सप्तम से दृष्टि देखना प्रेम विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत को पुष्ट करता है।नवमेश गुरु लाभ स्थान में बैठकर पंचम भाव तथा सप्तम भाव एवं लग्नेश को भी देख रहा है। वहीँ वक्री होकर सप्तमेश को भी देख रहा है जो की प्रेम-विवाह के ज्योतिषीय सिद्धांत को 100 प्रतिशत पुष्ट करता है।प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र या मंगल का पंचम तथा सप्तम भाव-भावेश के साथ सम्बन्ध होना भी विवाह कराने में सक्षम होता है।सभी भावो में नवम भाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है नवम भाव का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सम्बन्ध होने पर माता-पिता का आशीर्वाद मिलता है और यही कारण है की नवम भाव -भावेश का पंचम- सप्तम भाव भावेश से सम्बन्ध बनता है तो विवाह भागकर या गुप्त रूप से न होकर सामाजिक और पारिवारिक रीति-रिवाजो से होती है।शुक्र अगर लग्न स्थान में स्थित है और चन्द्र कुण्डली में शुक्र पंचम भाव में स्थित है तब भी प्रेम विवाह संभव होता है।नवमांश कुण्डली जन्म कुण्डली का सूक्ष्म शरीर माना जाता है अगर कुण्डली में प्रेम विवाह योग नहीं है या आंशिक है और नवमांश कुण्डली में पंचमेश, सप्तमेश और नवमेश की युति होती है तो प्रेम विवाह की संभावना प्रबल हो जाती है।पाप ग्रहो का सप्तम भाव-भावेश से युति हो तो प्रेम विवाह की सम्भावना बन जाती है। राहु और केतु का सम्बन्ध लग्न या सप्तम भाव-भावेश से हो तो प्रेम विवाह का सम्बन्ध बनता है।लग्नेश तथा सप्तमेश का परिवर्तन योग या केवल सप्तमेश का लग्न में होना या लग्नेश का सप्तम में होना भी प्रेम विवाह करा देता है।चन्द्रमा ( जाने ! 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*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-*By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है।यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है।यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं।यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है।नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र लग सकती है। अतः कुंडली में राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए। इसके अलावा सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता है। इसलिए सूर्य के उपाय भी ज़रुरी है। इसमें आपके लिए शनि ग्रह के उपाय भी ज़रुरी है। जैसे -👉 बुधवार के दिन सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) का दान करें।👉 बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ धारण करें।👉 राहु यंत्र की स्थापना कर उसी पूजा करें।👉 नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।बुरी नज़र उतारने के उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️निम्न टोटकों को अपनाकर भी आप अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी ला सकते हैंः👉 पंचमुखी का हनुमान जी का लॉकेट धारण करें।👉 हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का नित्य जापा करें।👉 हनुमान जी के मंदिर जाकर उसके कंधों का सिंदूर माथे पर लगाएँ।👉 यदि कोई व्यक्ति बुरी नज़र से प्रभावित है तो उसे भैरो बाबा के मंदिर से मिलने वाला काला धागा धारण करना चाहिए। इससे उप पर लगी बुरी नज़र उतर जाएगी।👉 यदि बार-बार धन हानि हो रही है तो लाल कपड़े में दो कौड़ियां बांधकर तिजोरी में रख दे।👉 एक रोटी बनाएं और उसे केवल एक तरफ़ से ही सेंकें। अब सिके हुए भाग पर तेल लगाकर उसमें लाल मिर्च एवं नमक दो डेली रखें। अब नज़र दोष से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर सात बार इसे फिराकर चुपचाप से इसे किसी चौराह पर रखें।बच्चों की नजर उतारने के उपाय〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️👉 बच्चों की बुरी नजर उतारने के उपाय हेतूु बचपन में हमारी दादी, नानी या माँ के द्वारा सूखी लाल मिर्च, फिटकरी, मुठ्ठी भर नमक या फिर नीम की टहनी आदि के टोटके से हमारी नज़र उतारी गई होगी। नज़र उतारने के दादी मां के घरेलू नुस्खे होते हैं। इसके अलावा जानते हैं अन्य टोटके।👉 पीली कौड़ी में छेद करके उसे बच्चे को पहनाना चाहिए।👉 बच्चों को मोती चांद का लॉकेट पहनाएं या काले-सफेद मोती जड़ित नज़रबंद का ब्रेसलेट पहनाएं।👉 यदि बच्चा दूध पीने में आनाकानी कर रहा है तो उसके ऊपर से दूध को उसारकर कुत्ते को पिला दें।👉यदि आप किसी को शक़ है कि बच्चे को उसी की नज़र लगी है तो उसका हाथ बच्चे के ऊपर फिरवाएं।दो लाल सूखी मिर्च, थोड़ा सेंधा नमक, थोड़े सरसो के बीज लें। इसके बाद बच्चे के उपर से नीचे, आगे और पीछे तीन बार घुमाए अब एक गर्म पर यह सब डाल दें। धुआं उठने के बाद कुछ ही देर में बुरी नजर उतर जाएगी।बाल वनिता महिला आश्रम〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️नोट; अधिक जानकारी अथवा कुंडली विश्लेषण के लिए मैसेंजर पर संपर्क करें।धन्यवाद#बाल_वनिता_महिला_आश्रम.

*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है। यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है। यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं। यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है। नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय- 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र ...

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