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शनि के कारण कौन सी राशियां प्रभावित हो सकती हैं ?By Vnita kasnia Punjab क्योंकि शनि देव न्याय करते हैं अतः अपने न्याय करने के कारण राशियों को प्रभावित करते चलते हैं । साधारण लोग शनिदेव को कष्ट का कारण समझते हैं परंतु शनि देव न्याय करता है। ज्योतिष की भाषा में साढ़ेसाती और ढैय्या का विवरण ,प्राप्त होता है। 12 जुलाई 2022 से 16 जनवरी 2023 तक बहुत ही उपयोगी लाभप्रद जानकारी आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूं।मैंने ज्योतिष शास्त्र अपने गुरुदेव बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां से सीखा है और ज्योतिष ग्रुप पर प्राप्त यह चित्र जिसमें वर्तमान 2022 में साढ़ेसाती भैया का सभी राशियों का अचूक विवरण है, आपके सामने चित्र सोर्स के रूप में प्रस्तुत कर रही हूं। मूल स्रोत मैंने बताया है, फिर बता रहा हूं मेरी ज्योतिष की शिक्षा और ज्योतिष शास्त्र के उपाय द्वारा मेरा जीवन परिवर्तन है।,

शनि के कारण कौन सी राशियां प्रभावित हो सकती हैं ? By Vnita kasnia Punjab क्योंकि शनि देव न्याय करते हैं अतः अपने न्याय करने के कारण राशियों को प्रभावित करते चलते हैं । साधारण लोग शनिदेव को कष्ट का कारण समझते हैं परंतु शनि देव न्याय करता है। ज्योतिष की भाषा में साढ़ेसाती और ढैय्या का विवरण प्राप्त होता है। 12 जुलाई 2022 से 16 जनवरी 2023 तक बहुत ही उपयोगी लाभप्रद जानकारी आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूं।, ,, मैंने ज्योतिष शास्त्र अपने गुरुदेव बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां से सीखा है और ज्योतिष ग्रुप पर प्राप्त यह चित्र जिसमें वर्तमान 2022 में साढ़ेसाती भैया का सभी राशियों का अचूक विवरण है, आपके सामने चित्र सोर्स के रूप में प्रस्तुत कर रही हूं। मूल स्रोत मैंने बताया है, फिर बता रहा हूं मेरी ज्योतिष की शिक्षा और ज्योतिष शास्त्र के उपाय द्वारा मेरा जीवन परिवर्तन है।

बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय क्या हैं? By वनिता कासनियां पंजाब बुध के लिए सरल उपायबुध बुद्धि का प्रमुख ग्रह है, मजाकिया, गणनात्मक, तर्कसंगत, व्यावहारिक, स्ट्रीट स्मार्ट होने के कारण, जीवन की विषम परिस्थितियों में कौशल या चाल का उपयोग कैसे किया जाता है। इसलिए जब बुध प्राकृतिक तीसरे और छठे भाव का स्वामी पीड़ित या दुर्बल या कमजोर हो तो यह कर सकता है भाषण, संचार में परेशानी दें। व्यक्ति गणित या अंकगणित के खेल में कमजोर हो सकता है, प्रबंधन कौशल की कमी, ऋण के साथ परेशानी, तर्कहीन अतार्किक विचार, नर्वस ब्रेकडाउन हो सकता है। यदि आपको स्थिर नौकरी, अच्छा प्रदर्शन करने की आवश्यकता है तो आपको अच्छे बुध की आवश्यकता है। वायु राशि में पीड़ित हो, मंत्र का जाप करना, जल राशि में हो तो दान और अग्नि राशि में हो तो हवन और पूजा करना, लेकिन इस व्यस्त जीवन शैली में अधिकांश लोगों के लिए यह सब संभव नहीं है। नीचे कुछ सामान्य उपायों की सूची दी गई है 6 महीने तक इनका पालन करने से बुध की नकारात्मकता से बाहर निकलने में मदद मिलती है।युवाओं और युवा पीढ़ी को हमेशा उत्साह दें।छात्रों को उनके गृहकार्य में या उनकी अध्ययन सामग्री को समझने में मदद करते रहें।किशोरों के प्रति बहुत कठोर न हों।बैंकर, कैशियर, कर अधिकारियों, या जो कभी भी पैसे के संरक्षक हैं, उन्हें धोखा न दें।बुध संचार का ग्रह है इसलिए फालतू बातें न करें और न ही अपने अतार्किक सिद्धांतों को दूसरों पर थोपें।यदि बुध आपके 8/12वें भाव का स्वामी है तो हरे रंग के अधिक प्रयोग से बचें।छात्रों को अध्ययन सामग्री जैसे पेन, पेपर, कंप्यूटर आदि दान करने से आपका बुध मुस्कुरा सकता है।कुछ लेखन का अभ्यास करें, इसके लिए आपको एक पुरस्कार विजेता लेखक होने की आवश्यकता नहीं है, बस जो भी आपके दिमाग में आता है उसे लिखते रहें या दैनिक डेयरी लेखन बनाए रखें।शैक्षणिक संस्थाओं के लिए दान-पुण्य करते रहें।आखिरी लेकिन सबसे अच्छी, अगर बुध की महादशा या अंतर्दशा चल रही है तो सुनिश्चित करें कि आप हर दिन एक घंटे के लिए कुछ किताबें पढ़ रहे हैं। संक्षेप में एक कास्ट रीडर बनें।

बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय क्या हैं? By वनिता कासनियां पंजाब बुध के लिए सरल उपाय बुध बुद्धि का प्रमुख ग्रह है, मजाकिया, गणनात्मक, तर्कसंगत, व्यावहारिक, स्ट्रीट स्मार्ट होने के कारण, जीवन की विषम परिस्थितियों में कौशल या चाल का उपयोग कैसे किया जाता है। इसलिए जब बुध प्राकृतिक तीसरे और छठे भाव का स्वामी पीड़ित या दुर्बल या कमजोर हो तो यह कर सकता है भाषण, संचार में परेशानी दें। व्यक्ति गणित या अंकगणित के खेल में कमजोर हो सकता है, प्रबंधन कौशल की कमी, ऋण के साथ परेशानी, तर्कहीन अतार्किक विचार, नर्वस ब्रेकडाउन हो सकता है। यदि आपको स्थिर नौकरी, अच्छा प्रदर्शन करने की आवश्यकता है तो आपको अच्छे बुध की आवश्यकता है। वायु राशि में पीड़ित हो, मंत्र का जाप करना, जल राशि में हो तो दान और अग्नि राशि में हो तो हवन और पूजा करना, लेकिन इस व्यस्त जीवन शैली में अधिकांश लोगों के लिए यह सब संभव नहीं है। नीचे कुछ सामान्य उपायों की सूची दी गई है 6 महीने तक इनका पालन करने से बुध की नकारात्मकता से बाहर निकलने में मदद मिलती है। युवाओं और युवा पीढ़ी को हमेशा उत्साह दें। छात्रों को उनके गृहकार्य में या उनकी अध्...

कुंडली,क्या कुंडली देखने के अलावा कोई और उपाय नहीं है जिससे हम यह जान सके कि हमारी कुंडली में कौन सा ग्रह खराब है और हम उससे संबंधित उपाय कर सकें? ,By वनिता कासनियां पंजाब जो लोग ज्योतिष का पर्याप्त ज्ञान रखते हैं ज्योतिष का अच्छा अनुभव रखने वाले लोगों के लिए कुंडली देखना भी इतना जरूरी नहीं होता है वह समस्या को देख कर ही समझ जाते हैं कि कौन से ग्रह से व्यक्ति पीड़ित हैं उसके हिसाब से वे ग्रहों का उपाय भी बताते हैं जिससे जातक को राहत महसूस होती है।

कुंडली, क्या कुंडली देखने के अलावा कोई और उपाय नहीं है जिससे हम यह जान सके कि हमारी कुंडली में कौन सा ग्रह खराब है और हम उससे संबंधित उपाय कर सकें? , By वनिता कासनियां पंजाब जो लोग ज्योतिष का पर्याप्त ज्ञान रखते हैं ज्योतिष का अच्छा अनुभव रखने वाले लोगों के लिए कुंडली देखना भी इतना जरूरी नहीं होता है वह समस्या को देख कर ही समझ जाते हैं कि कौन से ग्रह से व्यक्ति पीड़ित हैं उसके हिसाब से वे ग्रहों का उपाय भी बताते हैं जिससे जातक को राहत महसूस होती है।

अलौकिक शक्तियां कैसे प्राप्त की जा सकती हैं? By वनिता कासनियां पंजाब ? जो ध्यान-साधना में उतरा नहीं, अपने सूक्ष्म से जिसका पाला तक पड़ा नहीं वह भला क्या जाने पारलौकिक सिद्धि और शक्तियों के बारे में | साल भर पहले मैं केवल भगवान् को मानता था उन पर पूरा विश्वास था लेकिन सिद्धि, शक्ति आदि से मेरा कोई लेना-देना नहीं और ना ही कोई विस्वास था लेकिन यह एक कड़वा सच है उनके लिए जो कहते हैं की सिद्धि, शक्ति जैसा कुछ नहीं है |सबसे पहला चमत्कार तो तभी हो जायेगा जब वह अपने सूक्ष्म से परिचित होगा और पायेगा की कैसे यह ब्रहांड एक अदृश्य ईथर तत्व से भरा पड़ा है और वह अदृश्य नहीं बल्कि दृश्य है बस अपना सूक्ष्म जानना होगा |Image from Google वनितासबसे पहले तो आप पारलौकिक शक्ति की बात कर रहे हो अलौकिक शक्ति की नहीं | अब आते हैं सिद्धियों, ताकतों, शक्तियों, मंत्र आदि पर तो भाई मेरे यह बताओ की क्यों चाहिए पारलौकिक शक्ति ? हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते हैं की असली सिद्ध पुरुष तो समाज के सामने आते ही नहीं, वो कहाँ रहते हैं यह किसी को नहीं पता और आखिर वो क्या कारण है की समाज में नहीं आते ? समझो भाई की परमाणु बॉम्ब हर किसी के हाथ में दे दिया हो और घूम रहे हैं खुले आम बाजार में, मॉल्स में, गली मुहल्लों में ?चलो आप ही बताओ की अगर किसी को यह सिद्धि मिल जाये की किसी भी मनुष्य का आगा-पीछा-भूत -भविष्य पता चलने लगे तो क्या होगा ? वह बेचारा अपने आप को संभाल लेगा क्या ? सबसे पहले वह अपने घरवाले, भाई, बहन, माता-पिता, यार-दोस्त इन सबके बारे में जान जायेगा और यह है कलियुग तो कौन क्या कर रहा है, किससे मिल रहा है, कितनी बार किसी से झूंठ बोला, क्या गलत कर्म किया, किसी का बुरा तो नहीं किया, किसी को आने वाले दिनों में कुछ विपत्ति तो नहीं आने वाली ? कहीं किसी अति प्रियजन की मृत्यु का दिन आपको पता चल जायेगा तो ? किसी ने एक से ज्यादा रिलेशन बना रखे हैं, किसी के पास करोड़ों का काला धन है ? कौन चरस फूंक रहा है ? ये सभी प्रकार के गलत कृत्य आप जानने लगोगे हर दिन, हर पल तो कैसे अपने आपको इन सबसे निकालोगे ?इसमें भी सबसे बड़ी दिक्कत की होने वाली इन घटनाओं को आप जान जाओगे लेकिन यह आपके बस में नहीं की इनको सही कर सके क्यूंकि होनी तो होकर रहनी है भाई | तभी इसीलिए सिद्ध महात्मा पुरुष लोग अपने आप को समाज से काट लेते हैं ताकि इन सब से कोई पाला ही न पड़े, ना किसी से मिलेंगे और ना उसके बारे में जानेंगे | जानकर अनजान बनो तो गलत है लेकिन जब जाना ही नहीं किसी के बारे में तो कुछ भी गलत नहीं |तो ऐसे परमाणु बॉम्ब की चाबी छुपी रहनी ही सही है !

अलौकिक शक्तियां कैसे प्राप्त की जा सकती हैं?   By वनिता कासनियां पंजाब ? जो ध्यान-साधना में उतरा नहीं, अपने सूक्ष्म से जिसका पाला तक पड़ा नहीं वह भला क्या जाने पारलौकिक सिद्धि और शक्तियों के बारे में | साल भर पहले मैं केवल भगवान् को मानता था उन पर पूरा विश्वास था लेकिन सिद्धि, शक्ति आदि से मेरा कोई लेना-देना नहीं और ना ही कोई विस्वास था लेकिन यह एक कड़वा सच है उनके लिए जो कहते हैं की सिद्धि, शक्ति जैसा कुछ नहीं है | सबसे पहला चमत्कार तो तभी हो जायेगा जब वह अपने सूक्ष्म से परिचित होगा और पायेगा की कैसे यह ब्रहांड एक अदृश्य ईथर तत्व से भरा पड़ा है और वह अदृश्य नहीं बल्कि दृश्य है बस अपना सूक्ष्म जानना होगा | Image from  Google वनिता सबसे पहले तो आप पारलौकिक शक्ति की बात कर रहे हो अलौकिक शक्ति की नहीं | अब आते हैं सिद्धियों, ताकतों, शक्तियों, मंत्र आदि पर तो भाई मेरे यह बताओ की क्यों चाहिए पारलौकिक शक्ति ? हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते हैं की असली सिद्ध पुरुष तो समाज के सामने आते ही नहीं, वो कहाँ रहते हैं यह किसी को नहीं पता और आखिर वो क्या कारण है की समाज में नहीं आते ? समझो भाई की ...

कुछ मनोवैज्ञानिक तथ्य क्या हैं जिन्हें लोग नहीं जानते हैं?By वनिता कासनियां पंजाब ?कुछ रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य जिन्हें लोग अक्सर नहीं जानते हैं1- मनोविज्ञान कहता है कि जो लोग स्वयं झूठ बोलते हैं, वे अक्सर दूसरों के झूठ को पकड़ने में माहिर होते हैं।2- मनोविज्ञान कहता है कि आप जितनी ज्यादा बात किसी के बारे में करते हैं, उतनी ही अधिक उस व्यक्ति के साथ प्यार में पड़ने की संभावना होती है।3- मनोविज्ञान कहता है कि जब आप अपने पास किसी चीज़ के होने की लगातार कल्पना करते हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि अंततः आप उसे खरीद लेंगें।4- मनोविज्ञान कहता है कि हमारे शरीर की कोशिकाएं हमारे मन की हर बात पर प्रतिक्रिया करती हैं। यही कारण है कि जब हम निगेटिव सोचते हैं तब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर हो जाती है जिससे हम बीमार महसूस करते हैं।5- मनोविज्ञान कहता है कि जब आप चुप रहते हैं तो अक्सर इसका मतलब यह है कि आप नहीं सोचते कि दूसरा व्यक्ति आपके विचारों को सुनने के लिए तैयार है।6- मनोविज्ञान का कहना है कि अक्सर जब आपसे कोई कहता है कि उन्हें आपसे एक प्रश्न पूछना है, तो आपका मस्तिष्क हाल ही में हुई सभी बुरी बातों को याद करने लगता है।7- मनोविज्ञान कहता है कि जब आप किसी पिछली घटना को याद रखने की कोशिश करते हैं, तो आप वास्तव में उस घटना की बजाए यह याद करने की कोशिश करते हैं कि आखिरी बार आपने इसे कब याद किया था।8- मनोविज्ञान कहता है कि हममें से कुछ लोग वास्तव में बहुत खुश होने से डरते हैं क्योंकि हमें भय होता है कि कहीं कुछ दुखद घटित न हो जाए।9- मनोविज्ञान कहता है कि आपका पसंदीदा गीत आपका पसंदीदा इसलिए है क्योंकि इसके साथ आपकी कोई भावनात्मक घटना जुड़ी हुई है।10- मनोविज्ञान कहता है कि स्मार्ट लोग अक्सर खुद को कम करके आंकते हैं, जबकि अज्ञानी लोग सोचते हैं कि वे शानदार हैं।जानकारी गूगल से एकत्रित की गए

कुछ मनोवैज्ञानिक तथ्य क्या हैं जिन्हें लोग नहीं जानते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब ? कुछ रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य जिन्हें लोग अक्सर नहीं जानते हैं 1- मनोविज्ञान कहता है कि जो लोग स्वयं झूठ बोलते हैं, वे अक्सर दूसरों के झूठ को पकड़ने में माहिर होते हैं। 2- मनोविज्ञान कहता है कि आप जितनी ज्यादा बात किसी के बारे में करते हैं, उतनी ही अधिक उस व्यक्ति के साथ प्यार में पड़ने की संभावना होती है। 3- मनोविज्ञान कहता है कि जब आप अपने पास किसी चीज़ के होने की लगातार कल्पना करते हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि अंततः आप उसे खरीद लेंगें। 4- मनोविज्ञान कहता है कि हमारे शरीर की कोशिकाएं हमारे मन की हर बात पर प्रतिक्रिया करती हैं। यही कारण है कि जब हम निगेटिव सोचते हैं तब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर हो जाती है जिससे हम बीमार महसूस करते हैं। 5- मनोविज्ञान कहता है कि जब आप चुप रहते हैं तो अक्सर इसका मतलब यह है कि आप नहीं सोचते कि दूसरा व्यक्ति आपके विचारों को सुनने के लिए तैयार है। 6- मनोविज्ञान का कहना है कि अक्सर जब आपसे कोई कहता है कि उन्हें आपसे एक प्रश्न पूछना है, तो आपका मस्तिष्क हाल ही मे...

कोई आधा कटा हुआ नींबू रोज मेरे घर के सामने क्यों फेंकेगा? यह एक दैनिक अभ्यास है और तब से मेरे घर में चीजें ठीक नहीं हैं, मुझे क्या करना चाहिए? By वनिता कासनियां पंजाब मैंने अपने बड़ों से सीखा है कि अगर आपके मन में किसी भी ऐसी चीज़ से डर बैठता है तो हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी आज भी हमारे आसपास हैं जो जिन्दा भगवान् हैं। उनके सामने शनि, राहु, केतु, भूत प्रेत आदि किसी की नहीं चलती ,अगर दुनिया में इनका अस्तित्व है तो हनुमान जी का भी अस्तित्व है। जहाँ राम का नाम है वहां हनुमान हमेशा हैं।मन में राम का नाम है तो हनुमान जी हर समय साथ हैं और नारायण खुद लक्ष्मी जी के पति हैं तो जहाँ उनका वास हैं वहां लक्ष्मी जी का भी वास है और फिर वहां सुख शांति समृद्धि आने से कोई रोक नहीं सकता।वैसे तो मैं इन चीजों पर विशवास नहीं करती, परन्तु अकसर चौराहों पर कुछ खास दिनों पर ऐसी चीजें पड़ी देखती । काफी लोग विशवास करते हैं।अगर आपके मन में यह वहम है कि किसी के निम्बू फेंकने से आप के घर में चीजें ठीक नहीं हैं, तो पहले तो मान लीजिए इस संसार में कोई भी किसी के लिए अच्छा या बुरा नहीं कर सकता। सब अपने कर्मों का फल भुगते हैं। बल्कि किसी और के लिए बुरा सोचने वाला व्यक्ति अपने ही लिए अहित सोच रहा है। हर किसी को अपनी करनी का फल कई गुना भुगतना पड़ता है। आप सोचिए कोई संतुष्ट, समर्थ, सफल, समृद्ध व्यक्ति बैठे बैठे ही दूसरे का बिगाड़ा करने को क्यों चल देगा जबकी उसका जीवन बढ़िया चल रहा है साफ जाहिर है वह सुखी नहीं है अर्थात वह भी नकारत्मक है तो वह भी अपने जीवन में खुद भी नकारत्मकता को आमंत्रण दे रहा है और बुरा कर रहा है तो भगवान पर उसका न्याय छोड़ दें।हमारी नकारत्मक सोच अपने लिए ही कई गुना नकारत्मक परिस्थितियां बनाती है और नकारत्मकता को अपनी तरफ खींचती है। इससे अपने काम नहीं बनते और भाग्य साथ नहीं देता क्योंकि गरीबी, बीमारी, क्लेश, चोरी चकारी, असफलता सब नकारत्मक चीजें हैं। अपनी नकारत्मक सोच से हमने ही इन्हें अपनी तरफ खींचा है।इसके विपरीत सुख शांति, समृद्वि, उन्नति, प्रगति, पैसा, खुशी, स्वास्थ्य सकारत्मक चीजें हैं और इन्हें हम सकारत्मक सोच से ही अपनी तरफ खींच सकते हैं।जब आप ये मान रहे हैं कि कोई यह कटा निम्बू घर में फेंक कर आपके लिए अशुभता ला रहा है तो आपकी खुद की सोच नकारत्मक है। आप भगवान् की शक्ति पर भरोसा ही नहीं कर रहे हैं। आप ऐसे निम्बू को भगवान् से ज्यादा बलशाली मान रहें हैं और घर की परिस्थितियों का कारण किसी दूसरे को मान रहे हैं।पहले भगवान् पर विशवास करे और देखने का प्रयास करें कि घर में ऐसा क्यों हो सकता है और उन परिस्थितियों को कैसे बदला जा सकता है।आपने तो मान लिया कि परिस्थितियां किसी और की वजह से ऐसी हैं इसलिए उनको ठीक नहीं किया जा सकता। बहुत आसान है दूसरों को अपनी परिस्थितियों के लिए दोषी ठहराना और परिस्थितियों को समझने की कोशिश न करना और उन को वैसे ही छोड़ देना।आप अपनी सोच को बदलें, परिस्थितियां खुद बदल जाएंगीं। खुश रहें जो मिला है उसके लिए भगवान् को धन्यवाद दें।सुबह उठते ही भगवान् को प्रार्थना करें शायद यह प्रार्थना आपके अंदर पाजिटिविटी भर देगी और हमेशा पॉजिटिव रहने में मदद करेगी।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏हे भगवान, आप का धन्यवाद है कि आप हर पल हर समय हमारे साथ हैं इसलिए हमारे जीवन सुख शांति समृद्धि उन्नति प्रगति सफलता से भरा है। आप हमारे साथ हैं इसलिए हम में असीम शक्ति है असीम शांति है असीम शांति है असीम शांति है। आपका धन्यवाद है आपकी कृपा मुझ पर और मेरे परिवार पर बरस रही है। आपका धन्यवाद है कि आपने हमें हमेशा स्वास्थ्य रहने का वरदान दिया है इसलिए हम हमेशा स्वास्थ्य हैं और आगे भी रहेंगें। आपका धन्यवाद है कि हम अपने हर काम में सफल हैं सफल हैं सफल हैं और हमारे आसपास सभी लोग हमारे शुभचिंतक हैं।राम राम १, राम राम २ , राम राम ३ , राम राम ४ , राम राम ५ , राम राम ६ , राम राम ७ , राम राम ८ , राम राम ९ , राम राम १० , राम राम ११ , राम राम १२ , राम राम १३ , राम राम १४ , राम राम १५ , राम राम १६ , राम राम १७ , राम राम १८ , राम राम १९ , राम राम २० , राम राम २१ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

कोई आधा कटा हुआ नींबू रोज मेरे घर के सामने क्यों फेंकेगा? यह एक दैनिक अभ्यास है और तब से मेरे घर में चीजें ठीक नहीं हैं, मुझे क्या करना चाहिए? By  वनिता कासनियां पंजाब मैंने अपने बड़ों से सीखा है कि अगर आपके मन में किसी भी ऐसी चीज़ से डर बैठता है तो हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी आज भी हमारे आसपास हैं जो जिन्दा भगवान् हैं। उनके सामने शनि, राहु, केतु, भूत प्रेत आदि किसी की नहीं चलती ,अगर दुनिया में इनका अस्तित्व है तो हनुमान जी का भी अस्तित्व है। जहाँ राम का नाम है वहां हनुमान हमेशा हैं। मन में राम का नाम है तो हनुमान जी हर समय साथ हैं और नारायण खुद लक्ष्मी जी के पति हैं तो जहाँ उनका वास हैं वहां लक्ष्मी जी का भी वास है और फिर वहां सुख शांति समृद्धि आने से कोई रोक नहीं सकता। वैसे तो मैं इन चीजों पर विशवास नहीं करती, परन्तु अकसर चौराहों पर कुछ खास दिनों पर ऐसी चीजें पड़ी देखती । काफी लोग विशवास करते हैं। अगर आपके मन में यह वहम है कि किसी के निम्बू फेंकने से आप के घर में चीजें ठीक नहीं हैं, तो पहले तो मान लीजिए इस संसार में कोई भी किसी के लिए अच्छा या बुरा नहीं कर सकता। सब अपने कर्...