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क्या आप कर्म की साइकोलाजी के बारे में बता सकते हैं ?By वनिता कासनियां पंजाबआज मैं आपको बताऊंगी कि कर्म की साइकोलाजी क्या होती हैं :-1 हम जिस किसी के साथ भी जैसा कर्म करते हैं वैसे ही वापस हमारे साथ भी होता हैं चाहे वो अच्छा कर्म हो या बुरा कर्म।2.यह सृष्टि का नियम हैं जीवन अपने आप नहीं बनता ,जीवन हमे खुद को बनाना पड़ता हैं वो भी खुद कठोर मेहनत और अच्छे कर्म करके।🌄🌺3.जब हम सवंयम को बदलते है तो हमारा जीवन भी उसी के अनुसार चलता है और बदल जाता है ।इसलिए खुद में अच्छी आदते डाले बुरी आदत नहीं ।🌝4.हमें अपने जीवन मे जो कुछ भी हो उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए । हमे अपनी जिम्मेदारीयों से पीछा नहीं छोड़ना अब चाहे वो सफलता की हो या असफलता की। 🙋🙍5.अगर आपने भूतकाल में किसी के साथ अच्छा काम किया हैं तो उसका फल आपको वर्तमान में मिलेगा,अगर आप वर्तमान में किसी के साथ बुरा करते हैं तो उसका फल आपको भविष्य में मिलेगा।🌺😢🌝6.हमारी करनी और कथनी दोनों मेल खानी चाहिए नहीं तो हम बाहर से कुछ ओर और अंदर से कुछ ।😶😟7.कर्म का एक और नियम हैं मेहनत करते रहिए इसका फल आपको एक ना एक दिन जरूर मिलेगा 👮किसी को पहले मिलता तो किसी को बाद में मिलता लेकिन मिलता जरूर हैं।8.कुछ लोग कहते कि मेरी किस्मत में होगा तो मुझे मिलेगा लेकिन जनाब जब तक आप उस चीज के लिए कर्म नहीं करेंगे तब तक वह आपको नही मिलेगी ।बैठे बैठे तो वह चीजआपको नही मिलने वाली उसके लिए आपको कर्म तो करना पड़ेगा। गीता में श्री कृष्ण जी ने भी कहा कर्म कर फल की चिंता मत कर। 🙏9.कुछ लोग अच्छे कर्म करते हैं और कुछ लोग बुरे कर्म तो आप मुझे कमेंट में बताइए कि क्या आप अच्छे कर्म में विशवास रखते हैंमैं आशा करती हूं कि आपको मेरी यह पोस्ट पंसद आई होगी ।🤗🙏अगर आपको यह मेरी पोस्ट पंसद आई है तो इसे अपवोट करे और मुझे फोलो करना ना भूल। ⬆️👍Can you explain the psychology of karma?By Vnita Kasnia PunjabToday I will tell you what is the psychology of karma:-1 With whomever we do, the same kind of karma we do back to us.

आज मैं आपको बताऊंगी कि कर्म की साइकोलाजी क्या होती हैं :-1 हम जिस किसी के साथ भी जैसा कर्म करते हैं वैसे ही वापस हमारे साथ भी होता हैं चाहे वो अच्छा कर्म हो या बुरा कर्म।

2.यह सृष्टि का नियम हैं जीवन अपने आप नहीं बनता ,जीवन हमे खुद को बनाना पड़ता हैं वो भी खुद कठोर मेहनत और अच्छे कर्म करके।🌄🌺

3.जब हम सवंयम को बदलते है तो हमारा जीवन भी उसी के अनुसार चलता है और बदल जाता है ।इसलिए खुद में अच्छी आदते डाले बुरी आदत नहीं ।🌝

4.हमें अपने जीवन मे जो कुछ भी हो उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए । हमे अपनी जिम्मेदारीयों से पीछा नहीं छोड़ना अब चाहे वो सफलता की हो या असफलता की। 🙋🙍

5.अगर आपने भूतकाल में किसी के साथ अच्छा काम किया हैं तो उसका फल आपको वर्तमान में मिलेगा,अगर आप वर्तमान में किसी के साथ बुरा करते हैं तो उसका फल आपको भविष्य में मिलेगा।🌺😢🌝

6.हमारी करनी और कथनी दोनों मेल खानी चाहिए नहीं तो हम बाहर से कुछ ओर और अंदर से कुछ ।😶😟

7.कर्म का एक और नियम हैं मेहनत करते रहिए इसका फल आपको एक ना एक दिन जरूर मिलेगा 👮किसी को पहले मिलता तो किसी को बाद में मिलता लेकिन मिलता जरूर हैं।

8.कुछ लोग कहते कि मेरी किस्मत में होगा तो मुझे मिलेगा लेकिन जनाब जब तक आप उस चीज के लिए कर्म नहीं करेंगे तब तक वह आपको नही मिलेगी ।बैठे बैठे तो वह चीजआपको नही मिलने वाली उसके लिए आपको कर्म तो करना पड़ेगा। गीता में श्री कृष्ण जी ने भी कहा कर्म कर फल की चिंता मत कर। 🙏

9.कुछ लोग अच्छे कर्म करते हैं और कुछ लोग बुरे कर्म तो आप मुझे कमेंट में बताइए कि क्या आप अच्छे कर्म में विशवास रखते हैं

मैं आशा करती हूं कि आपको मेरी यह पोस्ट पंसद आई होगी ।🤗🙏

अगर आपको यह मेरी पोस्ट पंसद आई है तो इसे अपवोट करे और मुझे फोलो करना ना भूल। ⬆️👍


Can you explain the psychology of karma?


By Vanitha Kasniya Punjab



Today I will tell you what is the psychology of karma:-1 With whomever we do, the same kind of karma we do back to us.

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*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-*By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है।यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है।यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं।यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है।नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र लग सकती है। अतः कुंडली में राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए। इसके अलावा सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता है। इसलिए सूर्य के उपाय भी ज़रुरी है। इसमें आपके लिए शनि ग्रह के उपाय भी ज़रुरी है। जैसे -👉 बुधवार के दिन सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) का दान करें।👉 बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ धारण करें।👉 राहु यंत्र की स्थापना कर उसी पूजा करें।👉 नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।बुरी नज़र उतारने के उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️निम्न टोटकों को अपनाकर भी आप अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी ला सकते हैंः👉 पंचमुखी का हनुमान जी का लॉकेट धारण करें।👉 हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का नित्य जापा करें।👉 हनुमान जी के मंदिर जाकर उसके कंधों का सिंदूर माथे पर लगाएँ।👉 यदि कोई व्यक्ति बुरी नज़र से प्रभावित है तो उसे भैरो बाबा के मंदिर से मिलने वाला काला धागा धारण करना चाहिए। इससे उप पर लगी बुरी नज़र उतर जाएगी।👉 यदि बार-बार धन हानि हो रही है तो लाल कपड़े में दो कौड़ियां बांधकर तिजोरी में रख दे।👉 एक रोटी बनाएं और उसे केवल एक तरफ़ से ही सेंकें। अब सिके हुए भाग पर तेल लगाकर उसमें लाल मिर्च एवं नमक दो डेली रखें। अब नज़र दोष से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर सात बार इसे फिराकर चुपचाप से इसे किसी चौराह पर रखें।बच्चों की नजर उतारने के उपाय〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️👉 बच्चों की बुरी नजर उतारने के उपाय हेतूु बचपन में हमारी दादी, नानी या माँ के द्वारा सूखी लाल मिर्च, फिटकरी, मुठ्ठी भर नमक या फिर नीम की टहनी आदि के टोटके से हमारी नज़र उतारी गई होगी। नज़र उतारने के दादी मां के घरेलू नुस्खे होते हैं। इसके अलावा जानते हैं अन्य टोटके।👉 पीली कौड़ी में छेद करके उसे बच्चे को पहनाना चाहिए।👉 बच्चों को मोती चांद का लॉकेट पहनाएं या काले-सफेद मोती जड़ित नज़रबंद का ब्रेसलेट पहनाएं।👉 यदि बच्चा दूध पीने में आनाकानी कर रहा है तो उसके ऊपर से दूध को उसारकर कुत्ते को पिला दें।👉यदि आप किसी को शक़ है कि बच्चे को उसी की नज़र लगी है तो उसका हाथ बच्चे के ऊपर फिरवाएं।दो लाल सूखी मिर्च, थोड़ा सेंधा नमक, थोड़े सरसो के बीज लें। इसके बाद बच्चे के उपर से नीचे, आगे और पीछे तीन बार घुमाए अब एक गर्म पर यह सब डाल दें। धुआं उठने के बाद कुछ ही देर में बुरी नजर उतर जाएगी।बाल वनिता महिला आश्रम〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️नोट; अधिक जानकारी अथवा कुंडली विश्लेषण के लिए मैसेंजर पर संपर्क करें।धन्यवाद#बाल_वनिता_महिला_आश्रम.

*बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है। यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है। यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं। यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है। नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय- 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र ...

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अपनी जन्म कुंडली से मालदार होने के लक्षण कैसे जाने ? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब श्रीमान जी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मालदार या संपन्नता के लिए लक्षण जन्म कुंडली मे विद्यमान ग्रहो के संयोजन से जाना जा सकता है कुछ योग जिनके जन्म कुंडली मे होने पर व्यक्ति अवश्य मालदार या धनी होगा जो इस प्रकार से हैं - ● जन्म कुंडली मे द्वितीय व एकादश भाव के स्वामी एक दूसरे के भाव मे विद्यमान हो अथवा दोनो एक साथ किसी भी केंद्र ( प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, दशम)अथवा त्रिकोण स्थान ( पंचम, नवम) मे स्थित होने पर जातक अवश्य ही मालदार होगा । ● यदि धन भाव का स्वामी पंचम मे हो तो जातक मालदार होगा यदि धनेश होकर गुरु पंचम भाव मे विद्यमान हो तो विशेष फल एवं शीघ्र प्रभावकारी योग बनता है । ● यदि द्वितीय व चतुर्थ भाव के स्वामी नवम भाव मे हो तथा लग्नेश उच्च राशि का होकर एकादश भाव मे विद्यमान हो तथा नवम भाव का स्वामी भी बली होकर द्वितीय भाव मे स्थित हो तो जातक अत्यन्त मालदार एवं धनी होगा । ● जन्म कुंडली मे द्वितीय भाव मे चन्द्र, गुरु ,शुक्र हो तथा नवम के स्वामी की तीनो पर द्रष्टि हो तो जातक आवश्यक रूप से मालदार होगा । ● क...

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