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कैसे बनाएं दांपत्य जीवन को सुखद, इन उपायों से जानिए ? By वनिता कासनियां पंजाब शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथजीवन में धन-सम्पत्ति, मोटर-कार, बंगला, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, पत्नी और बच्चे होते हुए भी यदि दाम्पत्य जीवन मधुर न हो तो ऐसा जीवन व्यर्थ ,है। इतना सब कुछ होते हुए भी यदि दाम्पत्य जीवन में क्लेश, घर में अशांति, तनाव भरा माहौल, पारिवारिक सदस्यों के बीच मतभेद और विवाद हों तो ऐसे जीवन को हम कदापि सफल नहीं कह सकते। इस आधुनिक युग की भाग-दौड़ में परेशान व्यक्ति क्या चाहता है? केवल कुछ पलों की शांति, जब वह घर में आए तो सभी परेशानियों को भूल जाए और अपने पारिवारिक सदस्यों के बीच सुख का कुछ समय बिता सके। दुर्भाग्य की बात है कि यह संतोष सभी को नहीं मिलता। दाम्पत्य सुख में उत्पन्न हो रही बाधाओं को दूर करने के लिए जन्म कुंडली के ग्रह योगानुसार अशुभ ग्रह को शुभ बनाने के उपाय किए जा सकते हैं।सामान्यत: जन्मकुंडली के सप्तम भाव से दांपत्य जीवन का विचार किया जाता है। यदि सप्तम भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो तो दाम्पत्य सुख में बाधा आती है। नैसॢगक पापग्रहों में सूर्य, मंगल, शनि, राहू एवं केतू आते हैं।सूर्य का प्रभाव सप्तम भाव पर होने पर जीवनसाथी से स्वाभिमान का टकराव होता है। फलस्वरूप पति-पत्नी के अलग-अलग रहने की स्थितियां बन जाती हैं। ऐसी स्थिति में यदि पति-पत्नी दोनों ही मुंह में पानी भर कर स्नान करें तो दोनों का सामंजस्य बैठने लगता है। ऐसे जातकों को रविवार के दिन लाल वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।मंगल को दामपत्य सुख के लिए पीड़ादायक ग्रह माना जाता है क्योंकि मंगल की विवाह के भाव में युती अथवा दृष्टि के कारण विलम्ब, विवाह सम्पन्न होने में अवरोध एवं विवाह के बाद दाम्पत्य जीवन में विवाद होते हैं। मंगल के दुष्प्रभाव के कारण पति-पत्नी में मारपीट एवं हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसी स्थिति में दाम्पत्य जीवन नरकतुल्य हो जाता है। गले में चांदी की जंजीर अथवा हाथ में चांदी का ब्रेसलेट धारण किया जा सकता है। पति-पत्नी में से जिसका स्वभाव उग्र हो, उसे मिर्च एवं तीखी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि व्यक्ति मांसाहारी हो, तो उसे शाकाहारी बनना चाहिए।सप्तम भाव पर शनि का दुष्प्रभाव होने पर विवाह में विलम्ब होता है। यदि शनि का अशुभ प्रभाव अधिक हो तो विवाह के बाद भी जीवनसाथी के प्रति उत्साह एवं उमंग की भावना नहीं होती। दाम्पत्य जीवन में परस्पर आकर्षण का अभाव होता है। इस कारण साथ रहते हुए भी पति-पत्नी पृथक रहने के समान जीवन व्यतीत करते हैं।ऐसी स्थिति में शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए व्यक्ति को मंगलवार के दिन नवीन लाल वस्त्र धारण करना चाहिए। पति को लाल वस्त्र खरीद कर पत्नी को भेंट स्वरूप देना चाहिए।सप्तम भाव पर राहू के दुष्प्रभाव के कारण दाम्पत्य जीवन में विषम स्थितियों का सामना करना पड़ता है। पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन में अन्य व्यक्ति की दखल के कारण बाधाएं खड़ी होती हैं। ऐसे जातक का दाम्पत्य जीवन तब तक खराब रहता है जब तक कि वे अन्य व्यक्तियों के परामर्श के अनुसार कार्य करते रहते हैं।यदि जातक नशीली वस्तुओं का सेवन करे तो उसका दाम्पत्य जीवन सुखमय नहीं हो सकता। अत: ऐसे व्यक्ति की सर्वप्रमथ किसी भी प्रकार की नशीली एवं विषैली वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए, जैसे-शराब, अफीम, चरस, धूम्रपान आदि। राहू का दुष्प्रभाव अधिक होने पर दाम्पत्य जीवन में गाली-गलौच, अपशब्द का प्रयोग होता है। पति-पपत्नी एक-दूसरे की निंदा एवं आलोचना करते हैं। अत: दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए अपने जीवनसाथी की प्रशंसा करनी चाहिए। -Vnita Kasnia Punjab

कैसे बनाएं दांपत्य जीवन को सुखद, इन उपायों से जानिए ?


 
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    शास्त्रों की बातजानें धर्म के साथ

    जीवन में धन-सम्पत्ति, मोटर-कार, बंगला, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, पत्नी और बच्चे होते हुए भी यदि दाम्पत्य जीवन मधुर न हो तो ऐसा जीवन व्यर्थ है। इतना सब कुछ होते हुए भी यदि दाम्पत्य जीवन में क्लेश, घर में अशांति, तनाव भरा माहौल, पारिवारिक सदस्यों के बीच मतभेद और विवाद हों तो ऐसे जीवन को हम कदापि सफल नहीं कह सकते। इस आधुनिक युग की भाग-दौड़ में परेशान व्यक्ति क्या चाहता है? केवल कुछ पलों की शांति, जब वह घर में आए तो सभी परेशानियों को भूल जाए और अपने पारिवारिक सदस्यों के बीच सुख का कुछ समय बिता सके। दुर्भाग्य की बात है कि यह संतोष सभी को नहीं मिलता। दाम्पत्य सुख में उत्पन्न हो रही बाधाओं को दूर करने के लिए जन्म कुंडली के ग्रह योगानुसार अशुभ ग्रह को शुभ बनाने के उपाय किए जा सकते हैं।


    सामान्यत: जन्मकुंडली के सप्तम भाव से दांपत्य जीवन का विचार किया जाता है। यदि सप्तम भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो तो दाम्पत्य सुख में बाधा आती है। नैसॢगक पापग्रहों में सूर्य, मंगल, शनि, राहू एवं केतू आते हैं।


    सूर्य का प्रभाव सप्तम भाव पर होने पर जीवनसाथी से स्वाभिमान का टकराव होता है। फलस्वरूप पति-पत्नी के अलग-अलग रहने की स्थितियां बन जाती हैं। ऐसी स्थिति में यदि पति-पत्नी दोनों ही मुंह में पानी भर कर स्नान करें तो दोनों का सामंजस्य बैठने लगता है। ऐसे जातकों को रविवार के दिन लाल वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।


    मंगल को दामपत्य सुख के लिए पीड़ादायक ग्रह माना जाता है क्योंकि मंगल की विवाह के भाव में युती अथवा दृष्टि के कारण विलम्ब, विवाह सम्पन्न होने में अवरोध एवं विवाह के बाद दाम्पत्य जीवन में विवाद होते हैं। मंगल के दुष्प्रभाव के कारण पति-पत्नी में मारपीट एवं हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसी स्थिति में दाम्पत्य जीवन नरकतुल्य हो जाता है। गले में चांदी की जंजीर अथवा हाथ में चांदी का ब्रेसलेट धारण किया जा सकता है। पति-पत्नी में से जिसका स्वभाव उग्र हो, उसे मिर्च एवं तीखी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि व्यक्ति मांसाहारी हो, तो उसे शाकाहारी बनना चाहिए।


    सप्तम भाव पर शनि का दुष्प्रभाव होने पर विवाह में विलम्ब होता है। यदि शनि का अशुभ प्रभाव अधिक हो तो विवाह के बाद भी जीवनसाथी के प्रति उत्साह एवं उमंग की भावना नहीं होती। दाम्पत्य जीवन में परस्पर आकर्षण का अभाव होता है। इस कारण साथ रहते हुए भी पति-पत्नी पृथक रहने के समान जीवन व्यतीत करते हैं।


    ऐसी स्थिति में शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए व्यक्ति को मंगलवार के दिन नवीन लाल वस्त्र धारण करना चाहिए। पति को लाल वस्त्र खरीद कर पत्नी को भेंट स्वरूप देना चाहिए।


    सप्तम भाव पर राहू के दुष्प्रभाव के कारण दाम्पत्य जीवन में विषम स्थितियों का सामना करना पड़ता है। पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन में अन्य व्यक्ति की दखल के कारण बाधाएं खड़ी होती हैं। ऐसे जातक का दाम्पत्य जीवन तब तक खराब रहता है जब तक कि वे अन्य व्यक्तियों के परामर्श के अनुसार कार्य करते रहते हैं।


    यदि जातक नशीली वस्तुओं का सेवन करे तो उसका दाम्पत्य जीवन सुखमय नहीं हो सकता। अत: ऐसे व्यक्ति की सर्वप्रमथ किसी भी प्रकार की नशीली एवं विषैली वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए, जैसे-शराब, अफीम, चरस, धूम्रपान आदि। राहू का दुष्प्रभाव अधिक होने पर दाम्पत्य जीवन में गाली-गलौच, अपशब्द का प्रयोग होता है। पति-पपत्नी एक-दूसरे की निंदा एवं आलोचना करते हैं। अत: दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए अपने जीवनसाथी की प्रशंसा करनी चाहिए। -Vnita Kasnia Punjab 

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    *बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-*By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है।यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है।यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं।यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है।नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र लग सकती है। अतः कुंडली में राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए। इसके अलावा सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता है। इसलिए सूर्य के उपाय भी ज़रुरी है। इसमें आपके लिए शनि ग्रह के उपाय भी ज़रुरी है। जैसे -👉 बुधवार के दिन सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) का दान करें।👉 बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ धारण करें।👉 राहु यंत्र की स्थापना कर उसी पूजा करें।👉 नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।बुरी नज़र उतारने के उपाय-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️निम्न टोटकों को अपनाकर भी आप अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी ला सकते हैंः👉 पंचमुखी का हनुमान जी का लॉकेट धारण करें।👉 हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का नित्य जापा करें।👉 हनुमान जी के मंदिर जाकर उसके कंधों का सिंदूर माथे पर लगाएँ।👉 यदि कोई व्यक्ति बुरी नज़र से प्रभावित है तो उसे भैरो बाबा के मंदिर से मिलने वाला काला धागा धारण करना चाहिए। इससे उप पर लगी बुरी नज़र उतर जाएगी।👉 यदि बार-बार धन हानि हो रही है तो लाल कपड़े में दो कौड़ियां बांधकर तिजोरी में रख दे।👉 एक रोटी बनाएं और उसे केवल एक तरफ़ से ही सेंकें। अब सिके हुए भाग पर तेल लगाकर उसमें लाल मिर्च एवं नमक दो डेली रखें। अब नज़र दोष से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर सात बार इसे फिराकर चुपचाप से इसे किसी चौराह पर रखें।बच्चों की नजर उतारने के उपाय〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️👉 बच्चों की बुरी नजर उतारने के उपाय हेतूु बचपन में हमारी दादी, नानी या माँ के द्वारा सूखी लाल मिर्च, फिटकरी, मुठ्ठी भर नमक या फिर नीम की टहनी आदि के टोटके से हमारी नज़र उतारी गई होगी। नज़र उतारने के दादी मां के घरेलू नुस्खे होते हैं। इसके अलावा जानते हैं अन्य टोटके।👉 पीली कौड़ी में छेद करके उसे बच्चे को पहनाना चाहिए।👉 बच्चों को मोती चांद का लॉकेट पहनाएं या काले-सफेद मोती जड़ित नज़रबंद का ब्रेसलेट पहनाएं।👉 यदि बच्चा दूध पीने में आनाकानी कर रहा है तो उसके ऊपर से दूध को उसारकर कुत्ते को पिला दें।👉यदि आप किसी को शक़ है कि बच्चे को उसी की नज़र लगी है तो उसका हाथ बच्चे के ऊपर फिरवाएं।दो लाल सूखी मिर्च, थोड़ा सेंधा नमक, थोड़े सरसो के बीज लें। इसके बाद बच्चे के उपर से नीचे, आगे और पीछे तीन बार घुमाए अब एक गर्म पर यह सब डाल दें। धुआं उठने के बाद कुछ ही देर में बुरी नजर उतर जाएगी।बाल वनिता महिला आश्रम〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️नोट; अधिक जानकारी अथवा कुंडली विश्लेषण के लिए मैसेंजर पर संपर्क करें।धन्यवाद#बाल_वनिता_महिला_आश्रम.

    *बुरी नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय-* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ यदि किसी घर को नज़र लग जाए तो उस घर में क्लेश पैदा हो जाता है। घर में चोरी-चकारी की घटना होती है और उस घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर के सदस्य किसी न किसी रोग से पीड़ित होने लगते हैं। उस घर में दरिद्रता आने लगती है। यदि काम-धंधे को नज़र लग जाए तो व्यापार ठप होने लगता है। बिज़नेस में उसे लाभ की बजाय हानि होती है। यदि किसी व्यक्ति को नज़र लग जाए तो वह रोगी अथवा किसी बुरी संगति में फंस जाता है जिससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है अथवा उसके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं। यदि किसी शिशु को नज़र लग जाए तो वह बीमार पड़ जाता है अथवा वह बिना बात के ज़ोर-ज़ोर से रोता है। नज़र उतारने के ज्योतिषीय उपाय- 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में लग्नेश और चंद्रमा राहु से पीड़ित हों तो आपको नज़र दोष का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा जन्मकुंडली में नीच राशि में स्थित राहु के साथ लग्नेश हो तथा सूर्य, शनि व अष्टमेश से दृष्ट हो। इस स्थिति में उस जातक को किसी की बुरी नज़र ...

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