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मैं ध्यान करते हुए कंपन का अनुभव कर रही हूँ। इसका क्या मतलब है? By Vnita kasnia Punjab?जब ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ती है, तब ऐसा होता है। कुछ लोगों को कंपन महसूस होता है, कुछ लोग दिल की धड़कन को बढ़ाते हैं।यह मूल रूप से कुंडलिनी ऊर्जा है जो सक्रिय हो रही है।एक डर नहीं होना चाहिए, बस साक्षी और जल्द ही आप इसके लिए खुद को समायोजित कर पाएंगे। उसी का अभ्यास करते रहें।Image Source: Google

मैं ध्यान करते हुए कंपन का अनुभव कर रही  हूँ। इसका क्या मतलब है? By Vnita kasnia Punjab? जब ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ती है, तब ऐसा होता है। कुछ लोगों को कंपन महसूस होता है, कुछ लोग दिल की धड़कन को बढ़ाते हैं। यह मूल रूप से कुंडलिनी ऊर्जा है जो सक्रिय हो रही है। एक डर नहीं होना चाहिए, बस साक्षी और जल्द ही आप इसके लिए खुद को समायोजित कर पाएंगे। उसी का अभ्यास करते रहें। Image Source: Google

राहु का अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है. यह एक छाया ग्रह है लेकिन छाया ग्रह होते हुए भी कुण्डली पर अपना अत्यधिक प्रभाव बनाये रखता है. राहु सदा अशुभ प्रभाव नही देता है. आधुनिक समय में बहुत सी नई टेक्नोलॉजी राहु के अधिकार क्षेत्र में आती है. इालिए हम इसे सदा अशुभ नहीं मान सकते है. हाँ यह अवश्य है कि कई बार स्वास्थ्य के नजरिये से यह ऎसी बीमारी दे देता है जिसका निवारण देर से हो पाता है. इसकी दशा/अन्तर्दशा में व्यक्ति की बुद्धि कुछ भ्रमित सी रहती है. व्यक्ति कई ऎसे निर्णय ले लेता है जिसके लिए उसे भविष्य में पछताना पड़ सकता है. सही और गलत में अंतर करना मुश्किल हो जाता है. By वनिता कासनियां पंजाब, राहु के कुप्रभाव को दूर करने के लिए राहु के मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. इस मंत्र का जाप रात के समय करना चाहिए और शनिवार से मंत्र जाप आरंभ करने चाहिए.राहु का वैदिक मंत्र – Vedic Mantra for Rahuऊँ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा । कयाशश्चिष्ठया वृता ।राहु का तांत्रोक्त मंत्र – Tantrokta Mantra for Rahuऊँ ऎं ह्रीं राहवे नम:ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:ऊँ ह्रीं ह्रीं राहवे नम:नाम मंत्र – Naam Mantra for Rahuऊँ रां राहवे नम:

राहु का अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है. यह एक छाया ग्रह है लेकिन छाया ग्रह होते हुए भी कुण्डली पर अपना अत्यधिक प्रभाव बनाये रखता है. राहु सदा अशुभ प्रभाव नही देता है. आधुनिक समय में बहुत सी नई टेक्नोलॉजी राहु के अधिकार क्षेत्र में आती है. इालिए हम इसे सदा अशुभ नहीं मान सकते है. हाँ यह अवश्य है कि कई बार स्वास्थ्य के नजरिये से यह ऎसी बीमारी दे देता है जिसका निवारण देर से हो पाता है.  इसकी दशा/अन्तर्दशा में व्यक्ति की बुद्धि कुछ भ्रमित सी रहती है.  व्यक्ति कई ऎसे निर्णय ले लेता है जिसके लिए उसे भविष्य में पछताना पड़ सकता है. सही और गलत में अंतर करना मुश्किल हो जाता है. By वनिता कासनियां पंजाब, राहु के कुप्रभाव को दूर करने के लिए राहु के मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. इस मंत्र का जाप रात के समय करना चाहिए और शनिवार से मंत्र जाप आरंभ करने चाहिए. राहु का वैदिक मंत्र – Vedic Mantra for Rahu ऊँ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा । कयाशश्चिष्ठया वृता । राहु का तांत्रोक्त मंत्र – Tantrokta Mantra for Rahu ऊँ ऎं ह्रीं राहवे नम: ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ऊँ ह्रीं ...

क्या राजयोग ध्यान विधि में अपने अंदर प्रकाश देखने के लिए ऐसी कोई विधि है जो बहुत तेज प्रकाश दिखाएं?

क्या राजयोग ध्यान विधि में अपने अंदर प्रकाश देखने के लिए ऐसी कोई विधि है जो बहुत तेज प्रकाश दिखाएं? By वनिता कासनियां पंजाब? राजयोग की विधि सत्य एवं प्रमाणित है | आज के समय मे लाखों लोग राजयोग के द्वारा दिव्य अनुभूतियाँ कर रहे है व अपने जीवन को पाँच विकारों से मुक्त कर रहे हैं | राजयोग विधि है प्रकाश स्वरूप आत्मा के प्रकाश स्वरूप परमात्मा से प्रकाश के देश परमधाम मे मिलन की | अनुभूति अपने पुरुषार्थ, अपनी भावना पर निर्भर करती है | ज्ञान से हमको समझ मिलती है किन्तु हमारी परमात्मा पिता के प्रति भावना उनके समीप ले जाती है और परमात्म पिता के प्यार की अनुभूति करती है |

(वास्तु),

By वनिता कासनियां पंजाब: हर व्यक्ति की कामना होती है कि उसका एक सुंदर एवं वास्तु के अनुरूप घर हो जिसमें वह और उसका परिवार प्रेम, सुख शांति से जीवन जी सकें । लेकिन यदि उस भवन में कुछ वास्तु दोष हो तो भवन के निवासियों को को परिवारिक, आर्थिक और सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। भवन के निर्माण के बाद उसे फिर से तोड़कर वास्तु दोषों को दूर करना बहुत ही कठिन होता है। इसीलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने बिना किसी तोड़-फोड़ के इन दोषों को दूर करने के कुछ आसान से उपाय बताए हैं जिन्हें करके हम निश्चय ही अपने जीवन को और भी अधिक ऊँचाइयों पर ले जा सकते है । चंद्र ग्रहण के अवसर पर कराएं चंद्र गायत्री मंत्रों का जाप  , घर होगा धन - समृद्धि से संपन्न - 1000 मंत्र : 5 जून 2020 *  ईशान दिशा के वास्तु दोष निवारण के उपाय  * यदि भवन के ईशान क्षेत्र कटा हो या उसमे कोई वास्तु दोष हो तो उस कटे हुए भाग पर एक बड़ा शीशा लगाएं। इससे भवन का ईशान क्षेत्र बड़ा हुआ सा प्रतीत होता है। इसके अतिरिक्त किसी साधु महात्मा अथवा गुरु बृहस्पति या फिर ब्रह्मा जी का कोई चित्र अथवा मूर्ति को ईशान में रखें। बृहस्पति ईशान ...

कुंडली

*अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳* *क्रमांक =०४* *🚩आइए जानते हैं सनातन धर्म में 16 संस्कार को🙏🏻*   By वनिता कासनियां पंजाब *👉🏻जो माता बहन परिवार नियोजन (family planning)  कर रहे हैं ये वो ज़रूर पढ़ें👇🏻* *1.* गर्भाधान संस्कार,  *2.* पुंसवन संस्कार.  *3.* सीमन्तोन्नयन संस्कार,  *4.* जातकर्म संस्कार,  *5.* नामकरण संस्कार,  *6.* निष्क्रमण संस्कार,  *7.* अन्नप्राशन संस्कार,  *8.* चूड़ाकर्म संस्कार,  *9.* विद्यारम्भ संस्कार,  *10.* कर्णवेध संस्कार,  *11.* यज्ञोपवीत संस्कार,  *12.* वेदारम्भ संस्कार,  *13.* केशान्त संस्कार,  *14.* समावर्तन संस्कार,  *15.* विवाह संस्कार,  *16.* अंत्येष्टि संस्कार। *🚩🤰🏻गर्भाधान संस्कार :* गर्भाधान संस्कार के माध्यम से हिन्दू धर्म सन्देश देता है कि स्त्री-पुरुष संबंध पशुवत न होकर केवल वंशवृद्धि के लिए होना चाहिए। मानसिक और शारीरिक  रूप से स्वस्थ होने, मन प्रसन्न होने पर गर्भधारण करने से संतति स्वस्थ और बुद्धिमान होती है। *🚩पुंसवन संस्कार :* गर्भ धारण के तीन माह बाद गर्भ में...