अपनी जन्म कुंडली से मालदार होने के लक्षण कैसे जाने ? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब श्रीमान जी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मालदार या संपन्नता के लिए लक्षण जन्म कुंडली मे विद्यमान ग्रहो के संयोजन से जाना जा सकता है कुछ योग जिनके जन्म कुंडली मे होने पर व्यक्ति अवश्य मालदार या धनी होगा जो इस प्रकार से हैं -● जन्म कुंडली मे द्वितीय व एकादश भाव के स्वामी एक दूसरे के भाव मे विद्यमान हो अथवा दोनो एक साथ किसी भी केंद्र ( प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, दशम)अथवा त्रिकोण स्थान ( पंचम, नवम) मे स्थित होने पर जातक अवश्य ही मालदार होगा ।● यदि धन भाव का स्वामी पंचम मे हो तो जातक मालदार होगा यदि धनेश होकर गुरु पंचम भाव मे विद्यमान हो तो विशेष फल एवं शीघ्र प्रभावकारी योग बनता है ।● यदि द्वितीय व चतुर्थ भाव के स्वामी नवम भाव मे हो तथा लग्नेश उच्च राशि का होकर एकादश भाव मे विद्यमान हो तथा नवम भाव का स्वामी भी बली होकर द्वितीय भाव मे स्थित हो तो जातक अत्यन्त मालदार एवं धनी होगा ।● जन्म कुंडली मे द्वितीय भाव मे चन्द्र, गुरु ,शुक्र हो तथा नवम के स्वामी की तीनो पर द्रष्टि हो तो जातक आवश्यक रूप से मालदार होगा ।● किसी भी पत्रिका मे यदि मंगल और चन्द्र एक साथ विराजमान हो तो ऐसे जातक पर माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है ।● जन्मांक मे पंचम भाव मे शनि अपनी ही राशि अर्थात मकर या कुम्भ मे विराजमान हो तथा एकादश भाव मे बुध विद्यमान होकर शनि पर द्रष्टि हो , तो व्यक्ति को चारो ओर से आय होने के फलस्वरूप मालदार रहेगा ।● जन्म कुंडली मे पंचम भाव मे शुक्र अपनी ही राशि अर्थात वृषभ एवं तुला मे विराजमान हो तथा एकादश भाव मे विद्यमान होकर शनि , शुक्र को द्रष्टिपात करे तो जातक बहुत धनवान होता है ।● जन्म पत्रिका मे यदि लग्नेश द्वितीय भाव मे हो द्वितीयेश एकादश भाव मे हो एकादश भाव का स्वामी लग्न स्थान मे विद्यमान हो तो जातक जन्म से ही अत्यन्त मालदार होता है ।उपरोक्त जन्म कुंडली मे मालदार होने के सिद्ध सूत्र है जो मेरे निजी अनुभव मे सही पाये गये है आप भी जन्म कुंडली पर परख कर देखिये साथ ही टिप्पणीकालम मे अपनी प्रति क्रिया व्यक्त कीजिए से ज्योतिषीय नवीन ज्ञान वर्धन एवं विभिन्न अनुभवो का समावेश हो सकेगा ।आशा करते है आपको व्यक्त किये गये ग्रहो के संयोजन जिससे व्यक्ति मालदार होता है पसंद आये होगे , ज्योतिषीय जिज्ञासा का अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रश्न करने के लिए आपका ह्दय से आभार आपका उत्साह वर्धन नवीन प्रेरणा प्रदायक एवं मनोबल मे वृद्धि करने वाला रहेगा जी ।मूल स्रोत- श्री गुरुदेव आर्शीवादइमेज स्रोत गूगल
अपनी जन्म कुंडली से मालदार होने के लक्षण कैसे जाने ? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब श्रीमान जी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मालदार या संपन्नता के लिए लक्षण जन्म कुंडली मे विद्यमान ग्रहो के संयोजन से जाना जा सकता है कुछ योग जिनके जन्म कुंडली मे होने पर व्यक्ति अवश्य मालदार या धनी होगा जो इस प्रकार से हैं - ● जन्म कुंडली मे द्वितीय व एकादश भाव के स्वामी एक दूसरे के भाव मे विद्यमान हो अथवा दोनो एक साथ किसी भी केंद्र ( प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, दशम)अथवा त्रिकोण स्थान ( पंचम, नवम) मे स्थित होने पर जातक अवश्य ही मालदार होगा । ● यदि धन भाव का स्वामी पंचम मे हो तो जातक मालदार होगा यदि धनेश होकर गुरु पंचम भाव मे विद्यमान हो तो विशेष फल एवं शीघ्र प्रभावकारी योग बनता है । ● यदि द्वितीय व चतुर्थ भाव के स्वामी नवम भाव मे हो तथा लग्नेश उच्च राशि का होकर एकादश भाव मे विद्यमान हो तथा नवम भाव का स्वामी भी बली होकर द्वितीय भाव मे स्थित हो तो जातक अत्यन्त मालदार एवं धनी होगा । ● जन्म कुंडली मे द्वितीय भाव मे चन्द्र, गुरु ,शुक्र हो तथा नवम के स्वामी की तीनो पर द्रष्टि हो तो जातक आवश्यक रूप से मालदार होगा । ● क...